Udiapur. रूरल नॉन फार्म डवलपमेंट एजेंसी(रूडा) द्वारा टाऊनहॉल में आयोजित दस दिवसीय राष्ट्रीय क्राफ्ट मेला ‘गांधी शिल्प बाजार 2013’ में जनता की उमड़ती भीड़ कलकत्ता से आये आर्टिस्ट सुकल्याण गांगुली की हस्तनिर्मित एबस्ट्रेक्ट पेन्टिंग की स्टॉल पर पर आ कर रूक जाती है।
गत 4 वर्षों से एबस्ट्रेक्ट पेन्टिंग बना रहे सुकल्याण बताते है कि एबस्ट्रेक्ट आर्ट कल्पना पर आधारित होती है जिसमें ट्राइबल, मेथोलिजिकल, डांडिया, मधुबनी, राधा-कृष्णा, गीतोपदेश देते कृष्ण, राजस्थानी कला का भरपूर उपयोग किया गया है। तीन प्रकार के पाउडर को रेजिन में मिलाकर मिक्स मीडिया के रूप में उपयोग होने वाली इस आर्ट को तैयार करने में काफी समय लगता है। उदयपुर में पहली बार आये सुकल्याण यहां की जनता की आर्ट में रूचि को जानकर उसका निकट भविष्य में अपनी कला में उपयोग करेंगे। वे यहां कलकत्ता से भी कम कीमत में पेन्टिंग उपलब्ध करा रहे है। इस डस्ट पू्रफ एंव वॉशेबल पेन्टिंग में आम आदमी के विचारों का समावेश देखने को मिलता है। इस कला में इको फ्रेन्डली मल्टीकलर का उपयोग किया गया है।
कलाकार द्वारा मधुबनी कला को एबस्ट्रेक्ट मे परिवर्तित कर उसे मनचाहा आकार दिया गया है। इनकी कला में म्यूजिकल गणेशजी,म्यूजिक बजाते महिला-पुरूष का आकर्षक रूप बनाया गया है। रूडा के दिनेश सेठी ने बताया कि मेले में दिनोंदिन जनता की भीड़ बढ़ती रही है। जनता द्वारा मेले में मुड्डे, साडिय़ां, रंग-बिरंगे परिधान, बांस व बेंत के फर्नीचर, लखनऊ के चिकन परिधान, तिरुपति का काष्ट कार्य, सिल्क साडिय़ां, पोकरण का टेराकोटा, कश्मीर के पश्मीना शॉल, गुलाबी नगरी की ब्लू पॉटरी, सहारनपुर का फर्नीचर, खुर्जा की पॉटरी, बनारस की साडिय़ां, राजघराने की परंपरागत हस्तछपाई, कुंभकारी कला, चमड़े व पत्थर की कलात्मक वस्तुओं को पसन्द किया जा रहा है।