Udaipur. यह विचार संभागीय आयुक्तत डॉ. सुबोध अग्रवाल ने कहा कि जनजाति क्षेत्र के बच्चे आगे आ सकते हैं लेकिन उन्हें जगाने एवं सम्बल प्रदान करने की आवश्यरकता है।
वे यहां गांधी मानव कल्याण सोसायटी की ओर से ओगणा में आयोजित 2200 जनजाति महिलाओं के समूह को बतौर मुख्य अतिथि सम्बोधित कर रहे थे।
डॉ. अग्रवाल ने कहा कि एक ओर जहां आज भी आदिवासी समाज कई मायनों में विकसित समाज से आगे है, यहां आज भी दहेज प्रथा, दहेज के लिये महिलाओं का शोषण नही होता है। यहां की महिलाओं में अपनी बात रखने तथा बोलने की हिम्मत है वही दूसरी ओर क्षेत्र के आदिवासी बच्चों में षिक्षा की स्थिति आज भी कमजोर है। दस वर्षों में अन्य राज्यों की तुलना में राजस्थान में शिक्षा के स्तर में व्यापक सुधार नहीं हो रहा है।
विशिष्ट अतिथि राजस्थान महिला आयोग की सदस्य डा. लता प्रभाकर ने कहा कि पुरातन समय से महिलाओं की स्थिति कमजोर रही है। न केवल हमारे देश या हमारे समाज में बल्कि पूरे विश्वक में आज महिलाओं सशक्तिकरण के प्रयास किये जा रहे हैं। संस्था अध्यक्ष मदन नागदा ने संस्था के वर्ष भर में किये कार्यों का संक्षिप्त ब्यौरा प्रस्तुत किया। अध्यक्षता करते हुए उपखण्ड अधिकारी झाड़ोल कीर्ति राठौड़ ने क्षेत्र में महिलाओं की शिक्षा की चिन्ताजनक स्थिति बताते हुए माता-पिता से आग्रह किया कि वे अपनी जिम्मेदारी समझे एवं बच्चों को विशेषकर लड़कियों को स्कूल भेजें तभी महिलाओं के व्यक्तित्वी में सुधार आ पायेगा। अतिथियों द्वारा संस्था के कार्यों की प्रदर्शनी का अवलोकन करते हुए कार्यों की सराहना की। समारोह में चाईल्ड फण्ड इण्डिया को परियोजना निदेशक अनिल झा सहित कई गणमान्यो नागरिक मौजूद थे।