निराश्रित बच्चों की सहायतार्थ किया कार्यक्रम
Udaipur. फैशन डिजाइनिंग का कोर्स कर नौकरी के लिए अमेरिका जाने वाली युवती में ऐसा बदलाव आया कि वह डिजाइनिंग तो भूल गई और गरीब अनाथ बच्चों की जिंदगी को डिजाइन करने की ठान ली।
ये हैं जयपुर की मनन चतुर्वेदी। इन्होंईने शनिवार शाम 5 बजे से रविवार शाम 5 बजे तक फतहसागर किनारे निरंतर पेंटिंग बनाई। वे जयपुर में सुरमन संस्थान चलाती हैं। आज उनके साथ 92 बच्चे हैं। एक तरह से कहें कि वे 92 बच्चों का पालन-पोषण कर रही हैं तो भी कोई अतिश्यो क्ति नहीं होगी। इनमें से 60 बच्चे नियमित रूप से स्कूल जाते हैं तो एक राष्ट्रीय स्तर का खिलाड़ी भी है। यहां फतहसागर किनारे 24 घंटे पेंटिंग करने का मकसद यह कि यहां बनाई गई पेंटिंग बेची जाएगी जिनसे होने वाली आय निराश्रित बच्चों की सहायतार्थ काम आएगी। मनन के अनुसार उनके तीन संतान थी। जब एक बच्ची को कचरे के ढेर में देखा तो ऐसे लोगों के लिए कुछ करने का जज्बा जागा। इसके लिए सुरमन संस्थान का गठन किया।
मनन ने फतहसागर पाल पर अंगुलियों से प्राकृतिक व मानव जीवन पर आधारित पेंटिंग बनाना शुरू किया। पेंटिंग बनाते समय वहां से गुजरने वाले हर एक व्यंक्ति को रुककर देखना पड़ा और पूछने पर मजबूर हो गया कि कौन हैं और क्या कर रही हैं? एंजिल ऑफ लव रंगरेजा में रन थ्रू नाइट (रात भर की दौड़) कार्यक्रम में उन्होंने लगातार पेंटिंग बनाकर कृतियों की प्रदर्शनी भी लगाई। कार्यक्रम में पाहेर सचिव राहुल अग्रवाल, सनराइज ग्रुप ऑफ इंस्टीट्यूशन के हरीश राजानी, आरके मार्बल ग्रुप, वंडर सीमेंट सहित कई अन्यं सहयोग दे रहे हैं। उद्घाटन कलेक्टर विकास भाले ने किया। समापन पर मनन की बनाई टेलीफिल्म का प्रदर्शन किया गया।