Udaipur. श्री चन्द्रप्रभु दिगम्बर जैन मन्दिर सेक्टर 5 में परम पूज्य गणिनी आर्यिका श्री 105 संगममति माताजी के सान्निध्य में महावीर जयंती महोत्सव धूमधाम से मनाया गया। सुबह 6.30 बजे सौधर्म इन्द्र एवं माताजी के संघ सानिध्य में शोभायात्रा निकाली गयी जो नगर भ्रमण करते हुए मन्दिर पर आकर धर्मसभा में परिवर्तित हुई।
सचिव रमेश जूंसोत ने बताया कि शोभायात्रा मार्ग पर जगह-जगह श्रावक-श्राविकाओं द्वारा स्वागत एवं गुरु मां का पाद प्रक्षालन किया गया। शोभायात्रा के पश्चात् 108 कलशों से भगवान का जन्माभिषेक सौधर्म इन्द्र कान्तिलाल रत्नावत ने किया। भगवान की शांतिधारा करने का पुण्य गजेन्द्र भादावत ने प्राप्त किया। भगवान के जन्म कल्याणक के उपलक्ष में भगवान के बाल्यरुप को पालने में झुलाया गया इसका सौभाग्य चेतनलालजी वगेरिया ने प्राप्त किया। माताजी के निर्देशन पर महिलाओं के लिए आरती सजाओ प्रतियोगिता रखी गई थी, जिसमें महिलाओं ने पूर्ण उत्साह के साथ भाग लिया। आरतियां इस प्रकार से सजी हुई थी कि जैसे भगवान महावीर का जन्म अभी हुआ हो। सभी कार्यक्रमों में चन्द्रप्रभु युवामंच ने पूर्ण सहयोग दिया एवं शोभायात्रा को संचालन किया एवं कार्यक्रम के अन्त में प्रभावना वितरण की गई।
अध्यक्ष ओमप्रकाश गोदावत ने बताया कि दोपहर 3.00 बजे माताजी द्वारा महावीर जयन्ति पर विशेष प्रवचन दिया गया। प्रवचन के समय विशेष आकर्षण के रुप में तीन लक्की ड्रा रखे गये एवं पांच अन्य पारितोषिक गणिनी आर्यिका 105 श्री संगममति माताजी के संघसंचालित सूरत की श्रीमती सोनम अजित विनाक्या द्वारा प्रदान किये गये। गणिनी आर्यिका 105 श्री संगममति माताजी ने अपने विशेष प्रवचन में बताया हम वर्तमान में महावीर भगवान के शासन काल में चल रहे हैं उनके सिद्धान्तों को अपने जीवन में उतारना चाहिये, महावीर के सन्देशों एवं उपदेशों को अपने जीवन में उतारे एवं हमेशा यही प्रयास करना चाहिये कि हमारा जीवन महावीर पथ पर अग्रसर हो। आर्यिका माता को उदयपुर शहर भ्रमण हेतु जगह-जगह से श्रीफल भेंट हुए।