– मूर्तियों का धान्यवास और जलाधिवास के साथ पूजन जारी
– रविवार को भजन संध्या, निकलेगी कलश यात्रा
Udaipur. मादड़ी स्थित काली कल्याण धाम में चल रहे चार दिवसीय प्रतिष्ठा महोत्सव के दूसरे दिन नवकुण्डीय शिवशक्ति महायाग ओर शतचण्डी पाठ शुरू हुआ। वैदिक मंत्रोच्चार के साथ यजमानो ने प्रात: पूजन किया।
महंत भीमसिंह चौहान ने महायज्ञ में वैदिक मंत्रों का जाप कर रहे 51 पंडितो का वरर्णाचर्ण किया जिसमे पंडितो को वस्त्र, धोती, पिताम्बर, अंतवस्त्र, आसन, रूद्राक्ष की माला दक्षिणा और मेवाड़ी साफ भेंट किया। यजमानों को मेवाड़ी साफा धारण कराया गया। संस्कृत वैदिक मंत्रोच्चार के साथ मूर्तियों का जलाधिवास और धान्यवास हुआ। उसके बाद मंहत भीमसिंह चौहान और यज्ञाचार्य भगवती प्रसाद जेठाणा के सानिध्य में यजमानो ने मंदिर की परिक्रमा की।
परिक्रमा के बाद यजमानों को मण्डप प्रवेश कराया गया। सांध्यक्रम के बाद अग्नि को यज्ञशाला के नवकुण्डों में आमंत्रित किया गया और इसी के साथ शिवशक्ति महायज्ञ शुरू हो गया। काली कल्याण मंदिर में महायज्ञ के साथ शतचंडी पाठ भी शुरू हुआ जिसमे 21 पंडित शतचंडी का पाठ कर रहे हैं। महायज्ञ में पधारे चित्रकूट के मंहत चेतनदास महाराज ने प्रवचन में कहा कि यज्ञ भारतीय वैदिक संस्कृति का अहम हिस्सा है जिसमें कायम रखना ब्राह्मणों का धर्म है। मंहत ने कहा कि आज यह कर्मकाण्ड व्यावसायिक होता जा रहा है जिसे रोकना होगा। उन्होंने कहा कि ब्राह्मण को किसी भी परिस्थिति में ब्रम्हकर्म नही छोड़ना चाहिए।
नवकुण्ड में आहुतियां – नवकुण्डीय शिवशक्ति महायज्ञ में विधि विधान से ग्रहों के अनुसार नवकुण्ड बनाए गए है जिसमें पदमकुण्ड, त्रिकोण कुण्ड, पूर्वकुण्ड, चंद्रकुण्ड, अष्टास्त्रकुण्ड, योनी कुण्ड, षड़ाष्टक कुण्ड, षठकुण्ड और वृतुल कुण्ड बनाए गए हैं। इन नवकुण्डों पर योग्यतानुसार और फलप्राप्ति अनुसार यजमानों को बिठाया गया है जो 20 मई को पूर्णाहुति तक हवन करेंगे। इस महायज्ञ में उदयपुर और गुजरात के 10 यजमान बिराजे हैं।
रविवार को होगी भजन संध्या – प्रतिष्ठा महोत्सव और महायज्ञ महोत्सव के तहत तीसरे दिन रविवार सुबह 11 बजे कलश यात्रा निकाली जाएगी। कलश मे जो जल लाया जाएगा उससे प्रतिमाओं का अभिषेक किया जाएगा। रात को भजन संध्या होगी जिसमें अहमदाबाद के दीपक बारोट एंड ग्रुप भजनो की प्रस्तुतियां देंगे। भजन संध्या में करीब तीन हजार भक्तगण शिरकत करेंगे। 20 मई को नर्बदेश्वर माहदेव की शिवपरिवार सहित ओर कष्टभंजन हनुमानजी की प्राण-प्रतिष्ठा की जाएगी। प्रतिष्ठा के दिन करीब 10 हजार भक्तों के पधारने की संभावना हैं।