udaipur. गुलाब बाग़ के संरक्षण की महती आवश्यकता है। गुलाब बाग़ शहर की धरोहर है। गुलाब बाग़ में किसी भी तरह का निर्माण बाग़ की मौलिक छवि को नष्ट कर देगा।गुलाब बाग़ में पेड़ो पर तेजी से फ़ैल रही अमरबेल और सूखते पेड़ो पर शहरवासियों ने चिंता जताई है।
मोहन सिंह मेहता मेमोरियल ट्रस्ट, पहल संस्थान, झील संरक्षण समिति, चांदपोल नागरिक समिति, पर्यावरण शिक्षा समिति द्वारा आयो जित संवाद में गुलाब बाग़ के संरक्षण हेतु प्रशासन से तुरंत कदम उठाने की गुहार की है। जल विज्ञानी अनिल मेहता और नन्द किशोर शर्मा ने कहा की शहर के मध्य में स्थित यह बाग़ शहर की आक्सीजन का भंडार है। इसकी हरीतिमा को हर हाल में बनाये रखने की जरुरत है। तेजशंकर पालीवाल और प्रकाश तिवारी ने कहा कि गुलाबबाग़ में किसी भी प्रकार के नए निर्माण नहीं होना चाहिए।गुलाब बाग़ के प्राकृतिक स्वरुप को बनाये रखने की हर हाल में कोशिश होनी चाहिए। इस्माइल अली दुर्गा और ज्योत्स्ना झाला ने कहा कि गुलाबबाग़ में जर्जर होते सरस्वती पुस्तकालय भवन, फव्वारे तथा विद्युत के बिना खड़े पोल अपनी कहानी खुद बया कर रहे है। बैठक में 5 जून को सुबह जन चेतना बढ़ने के लिए गुलाब बाग़ में पर्यावरण दिवस का आयोजन होगा। बैठक का संयोजन सत्यपाल सिंह डोडियार ने किया।