शान्त एव एकान्त स्थान पर खाली पेट करें आसन
Udaipur. इंजीनियर परमेश्वर धर्मावत ने कहा कि दौड़ भाग की जिन्दगी में मनुष्य धनार्जन के लिए शरीर की क्षमता से अधिक कार्य कर शरीर व स्वास्थ्य साथ खिलवाड़ कर रहा है। उसे धनार्जन की तो चिन्ता है लेकिन इसी बीच वह शरीर को स्वस्थ रखने की बात भूल जाता है।
वे कल रोटरी क्लब उदयपुर द्वारा ‘जीवन में योग का महत्व’ विषयक आयोजित वार्ता में मुख्य वक्ता के रूप में बोल रहे थे। उन्होनें कहा कि मुश्किल से बहुत कम जनता अपने शरीर का ध्यान रखते हुए नियमित रूप से प्रतिदिन योग व प्राणायाम कर रही है। योग व प्राणायाम शान्त एंव एकान्त स्थान पर खाली पेट करने चाहिए। जीवन में भौतिक एवं आध्यात्मिक गति यदि समान रूप से चलेगी तभी हमारा जीवन सार्थक होगा। प्रतिदिन 24 घंटे में से 5 मिनिट भी नियमित रूप से हम अपने शरीर के लिए योग एंव प्राणायाम पर व्यय नहीं करते है जबकि उससे अपेक्षा बहुत करते है जो संभव नहीं है। स्वस्थ शरीर के लिए व्यय किया जाने वाला समय ही शरीर के लिए सर्वाधिक उपयोगी होता है।
धर्मावत ने बताया कि आसन करते समय मन शान्त एंव प्रसन्न रहना चाहिए। आसन करने बाद 10 मिनिट तक शवासन अवश्य करना चाहिए। उन्होनें शरीर शोधन के लिए आवश्यक क्रियाएं धौति,नेति,नौली,बस्ति,त्राटक एंव कपालभाति के बारें में विस्तार से बताया। उन्होनें बताया कि भ्रामरी प्राणायाम करने से जहंा तनाव दूर होता है वहीं स्मरण शक्ति को बढ़ावा मिलता है। इस अवसर पर उन्होनें विभिन्न प्रकार के प्राणायाम एंव आसनों एंव उससे होने वाले लाभों के बारें मे विस्तार से बताया।
कार्यक्रम में क्लब अध्यक्ष सुशील बांठिया ने बताया कि शरीर को स्वस्थ रखने का माध्यम है योग। इसे नियमित रूप से करें और शरीर को लम्बे मय तक स्वस्थ रखें। इस अवसर पर बांठिया ने धर्मावत को उपारना ओढ़ाकर एंव एंव बी.एच.बाफना ने स्मृतिचिन्ह प्रदान कर सम्मानित किया। सचिव ओ.पी.सहलोत ने बताया कि आगामी 9 जून को गीतांजलि मेडीकल कॉलेज के ऑडिटोरियम में अविभाजित रोटरी डिस्ट्रिक्ट 3050 का अंतिम आभार प्रदर्शन समारोह आयोजित किया जाएगा। इस दौरान प्रान्तपाल सत्र 2012-13 में सर्वश्रेष्ठ सेवा कार्य करने वाले क्लबों को पुरूस्कृत करेगा। प्रारम्भ में श्रीमती राजेन्द्र चौहान ने ईश वंदना प्रस्तुत की जबकि अन्त में धन्यवाद सहलोत ने ज्ञापित किया।