गोगुंदा में मुख्य़मंत्री गहलोत, बांसवाड़ा पहुंचे भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष राजनाथसिंह
Udaipur. वीर शिरोमणि महाराणा प्रताप जयंती पर गोगुंदा में जहां मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने पहुंचकर कार्यक्रम में हिस्सा लेकर भीलू राणा की आदमकद प्रतिमा का अनावरण किया वहीं बांसवाड़ा में भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष राजनाथसिंह पहुंचे।
मुख्यमंत्री गहलोत ने भीलू राणा के समर्पण एवं मातृभूमि हेतु सर्वस्व त्याग करने की भावना से प्रेरणा लेने का आह्वान करते हुए कहा कि भील समाज का इतिहास त्रेता युग, महाभारत, रामायण काल से स्वामियों की रक्षार्थ समर्पण का रहा है। भीलू राणा के मेवाड़ के प्रति समर्पण का देखते हुए मेवाड़ के राजचिन्ह में भी स्थान दिया गया है।
उन्होंने भीलू राणा की प्रतिमा स्थापित कराने पर नरेन्द्रसिंह झाला सेवा संस्थान के अध्यक्ष लालसिंह झाला एवं राजतिलक सेवा समिति संरक्षक लक्ष्यराजसिंह मेवाड़ को बधाई देते हुए कहा कि एक व्यक्ति ने अपने जन्मभूमि का कर्ज उतारने का प्रयास किया तो दूसरे ने पूर्वजों के सहयोगी रहे व्यक्ति की प्रतिमा स्थापित कर उनके अधूरे सपनो को पूरा करने का प्रयास किया। उन्होंने लालसिंह झाला की गोगुन्दा को पर्यटक स्थल घोषित करने एवं नरेन्द्रसिंह सेवा संस्थान को राजतिलक स्थली 20-25 वर्ष हेतु गोद दिये जाने की मांग पर कहा कि सरकार स्तर पर शीघ्र परीक्षण कराकर निर्णय किया जाएगा। उन्होंने मूर्ति की स्थापना पर मेवाड़ राजपरिवार के लक्ष्यराजसिंह मेवाड़ का आभार जताया। समारोह में राजतिलक सेवा समिति संरक्षक लक्ष्यराजसिंह मेवाड ने कहा कि प्रताप एवं प्रताप से जुडी किसी भी ऐतिहासिक धरोहर के संरक्षण का दायित्व निभाने के लिए हर वक्त महाराणा मेवाड फाउण्डेशन तत्पर है।
प्रताप के संघर्ष ने भारत का सिंहासन बचाया : राजनाथ
पुर्नलेखन होगा प्रताप के इतिहास का
भाजपा के राष्ट्री य अध्य क्ष राजनाथ सिंह ने कहा कि प्रताप एक वीर योद्धा, कूटनीतिक, कुशलतावादी, आदर्शवादी, स्वाभिमानी पुरुष थे। प्रताप ने अपना सम्पूर्ण जीवन, अपने सिंहासन की चिन्ता को छोडकर भारत के सिंहासन को बचाने के लिए न्यौछावर कर दिया उन्होंने जीवन पर्यन्त तक भारत की स्वाधीनता के लिए संघर्ष किया। वे बांसवाड़ा में आयोजित संभाग स्तरीय समारोह को मुख्य अतिथि के रूप में सम्बोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि विदेशी लेखकों द्वारा लिखे प्रताप के इतिहास को प्रमुखता से आगे बढ़ाया जा रहा है जो उस महान आत्मा की अहमियतता को कम कर रहा है।
सिंह ने कहा कि भाजपा सत्ता में आई तो प्रताप पर लिखे गए इतिहास का पुर्नलेखन किया जाएगा। भारत के प्रमुख इतिहासकारों से जानकारीयां जुटाकर उस महान आत्मा के इतिहास को मूलत्व रूप से पेश किया जाएगा। उन्होंने कहा कि भारत के समस्त विद्यालयों मे प्रताप पर पाठ्य पुस्तकें प्रारम्भ करवाई जायेगी। महाराणा प्रताप एक ऐसी शख्सियत थे जिनको पूरा विश्व जानता है।
विशिष्ट अतिथि वरिष्ठ शिक्षाविद् मनोहर सिंह कृष्णावत ने आक्रामक अन्दाज में कहा कि जिस क्षेत्र समाज के महाराणा प्रताप हुए, उसके बाशिन्दों से आज बोलने तक का अधिकार छीन लिया गया है। उन्होंने राजनाथ सिंह और भाजपा जनजाति मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष फग्गनसिंह कुलस्ते को मंच पर कसम दिलाते हुए कहा कि आप मेवाड़-वागड़ की जनता की अनदेखी नहीं होने देंगे। यह उस वीर सपूत की धरती है जिसने देश के लिए सर्वस्व न्यौछावर कर दिया। कृष्णावत का आक्रामक अन्दाज देखते हुए सिंह ने कृष्णावत को कलयुग के देवता की संज्ञा दे डाली। राजनाथ सिंह ने कृष्णावत के जीवन आयु के 125 वर्ष होने की दुआ की।
उन्होने चुटकी लेते हुए कहा कि कृष्णावत के भाषण से मेरे भी रोंगटे खडे़ हो गये। कृष्णावत ने कहा कि प्रताप जिसके दिल में है, वह परिस्थितियों को तोड़ता है। आपके दिल मे भी प्रताप है आप आगे बढ़ो और व्यूहचक्र को तोड़ो।
कार्यक्रम को भाजपा जनजाति मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष फग्गन सिंह कुलस्ते ने भी सम्बोधित किया। कार्यक्रम समन्वयक तनवीर सिंह कृष्णावत और अशोक सिंह मेतवाला ने कार्यक्रम का संचालन किया। धन्यवाद भाषण कार्यक्रम अध्यक्ष महारावल जगमाल सिंह बांसवाडा ने किया। कार्यक्रम में महाराज हर्षवर्धन सिंह, राज्य सभा सांसद वी.पी.सिंह बदनोर, भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव किरण माहेश्वरी, बैणेश्वर धाम के महन्त अच्युतानन्द महाराज उपस्थित थे। कार्यक्रम समन्वयक तनवीर सिंह कृष्णावत को वागड़ के इतिहास में प्रथम बार हुए ऐतिहासिक समारोह की सफलता के लिए राजनाथ सिंह ने बधाई दी।
राजस्थान कृषि महाविद्यालय परिसर में स्थित प्रताप की अश्वारूढ़ प्रतिमा के समक्ष आज सुबह एमपीयूएटी के कुलपति प्रो. ओ. पी. गिल ने महाराणा प्रताप को पुष्पांजलि अर्पित करते हुए उनका स्मरण किया। विश्वविद्यालय के अधिकारी डॉं. पी. एल. मालीवाल, डॉं. आई. जे. माथुर, डॉं0 विमल शर्मा, डॉं0 जी.एस. चौहान, डॉं0 पी. के. गुप्ता, डॉं. वीरेन्द्र नेपालिया, डॉं. जे.एल. चौधरी, डॉं. ए. के. सांखला, डॉ. आर. ए. कौशिक, डॉ. आरती सांखला सहित बड़ी संख्या में संकाय सदस्य, कर्मचारी व विद्यार्थियों ने भी जननायक प्रताप को श्रद्धा सुमन अर्पित किए। क्रीड़ा मण्डल के सोमशेखर व्यास व डेयरी एवं खाद्य प्रौद्योगिकी महाविद्यालय के रमेश पूर्बिया ने काव्य पाठ व गीत के माध्यम से महाराणा प्रताप को नमन किया।