आईआईएम उदयपुर ने संचालित की क्रांति फुटबॉल एकेडमी
Udaipur. जिन बच्चों को गिल्ली डंडा या गांव के छोटे-मोटे खेलों से अधिक नहीं आता था, आज वे भी अच्छी तरह से फुटबॉल खेल रहे हैं। यह संभव कर दिखाया है उदयपुर आईआईएम के छात्रों प्रदीप मीणा, गौरव मीणा, अभिषेक कुमार और दीपांकर बोहरा ने।
इनका मानना है कि बिना किसी धर्म, मजहब, जाति लिंग के बैकग्राउंड के हर बच्चे को फुटबॉल खेलना चाहिए। इससे जीवन में एक तरह का मैनेजमेंट आता है। आईआईएम उदयपुर के तहत संचालित क्रांति फुटबॉल एकेडमी ने फुटबॉल में दक्षता के लिए पास के ही दो गांव रघुनाथपुरा एवं काली मगरी को गोद लिया है। यह इसलिए भी सराहनीय है कि इन्होंने यहां के बच्चों खास तौर से बालिकाओं को भी फुटबॉल सिखाने का निर्णय किया। आरंभ से ही अपने बचपन का पूरा आनंद उठाएं, आत्मविष्वास के लिए उन्हें एक प्लेटफॉर्म मिले और अपने जीवन में अपने लक्ष्य को प्राप्त करें, इस उद्देष्य से इस एकेडमी का गठन किया गया है।
एक माह के अथक परिश्रम और प्रशिक्षण के बाद दोनों गांव की टीमों के मध्य रविवार को एमडीएस हॉस्टल के सामने स्थित एमएलएसयू ग्राउंड पर मैच हुआ। दोनों गर्ल्स एवं बॉयज के मैचों में काली मगरी की टीम ने रघुनाथपुरा की टीम को क्रमशः 3-0 एवं 7-0 से हराया। बॉयज के मैच में बेस्ट प्लेयर काली मगरी के सुरेन्द्र एवं रघुनाथपुरा के रमेश तथा गर्ल्स में काली मगरी की पूनम एवं रघुनाथपुरा की फूलवंती रही। क्रांति फुटबॉल एकेडमी राजस्थान एवं भारत के लिए फुटबॉल टीम तैयार करना चाहती है। उदयपुर जिले के अन्य गांवों में भी एकेडमी का विकास करने का उद्देश्य है।