Udaipur. अन्तर्मना सभागार सर्वऋतु विलास में रविवारीय विशेष प्रवचन देते हुए अन्तर्मना मुनि प्रसन्न सागर ने कहा कि अहंकार और णमोकार दो विपरीत दिशाएं हैं। जहां णमोकार का तेज होगा वहां अहंकार का अंधेरा कभी नहीं टिक सकता।
जहा अहंकार की हुकूमत होगी वहां णमोकार की हाजिरी कभी नहीं लग सकती। णमोकार का उपासक अहंकारी और इर्ष्यालु नही होगा, उसके व्यवाहर मे दम्भ और अभिमान नहीं होगा वह विनम्र, विनीत, विनयी और मृदु होगा। अहंकार सख्त है, णमोकार भक्त है और जो भक्त है, वही सत्य है। इस मंत्र की एक और खासियत है कि इस मंत्र में किसी व्यक्ति विशेष या किसी तीर्थंकर विशेष या किसी साधु विशेष को नमन नही किया, बल्कि इसमें व्यक्तित्व को नमन किया गया है। णमोकार मंत्र में व्यक्ति को नहीं शक्ति को और शक्ति की अभिव्यक्ति को नमन किया है जिन्होंने अपने भीतरी दुश्मनों को मार गिराया हो ऐसे अरिहन्तो को नमन किया है। जिनके सभी मनोरथ सिद्ध हो गये ऐसे सिद्धों को नमन किया है, जो आचरण के प्रतीक बन गये ऐसे आचार्यों को नमन किया है, जो ज्ञान के आबदार मोती बिखेर रहे है, ऐसे साधुओं को नमन किया है।
मुनिश्री ने कहा कि पर्वतों में पर्वत राज सम्मेदशिखर की एक बार वन्दना, मंत्रों में महामंत्र णमोकार मंत्र का भक्तिपूर्वक एक बार स्मरण करने मात्र से दुखों का नाश होकर जीवन में ऊंचाइयां मिलती है। जहां अहम् है, वहां अर्हम नहीं है। जिस प्रकार आकाश का कोई प्रारम्भ या अन्त नहीं है, रोटी का कोई सिरा नहीं है, उसी प्रकार णमोकार मन्त्र का भी कोई आरम्भ या अन्त नही हैं यह अनादि काल से चला आ रहा अनन्त है। मुनिश्री ने बताया कि कहो वही जो सच्चा हो, करो वही जो अच्छा हो, सुनो वही जो गीता हो, बोलो वही जो मीठा हो, देखों जो सत्यम, शिवम, सुन्दरम् हो, दिखाओ जो दिव्य और भव्य हो, खाओ वही जिसमें अमृत का स्वाद हो, चाल वही चलो जिसमे सद्चरित्र हो, कार्य वही करो जो पवित्र हो, और मन्त्र वही पढो जिसमें स्व और पर का कल्याण हो। जो गुरु करे वो तुम मत करना, लेकिन जो गुरु कहे, वो तुम अवश्य करना। गुरु की आज्ञा के अनुसार चलने में ही तुम्हारा कल्याण छुपा है। णमोकार मंत्र को भी सहज होकर पूरे मन से पढ़ना बहुत बडी़ साधना है।
इससे पूर्व मुनि पीयूषसागर महाराज ने कहा कि णमोकार मन्त्र अनन्त अविनाशी, सुखप्रदाता 84 लाख मन्त्रों का राजा है। जिसमें 28 स्वर और 30 व्यंजन है। जिसे 18432 प्रकार से गाया जा सकता है। रजत वर्षा योग समिति के कार्याध्यक्ष अशोक शाह ने बताया कि 13 अगस्त को भगवान पार्श्वनाथ निर्वाण दिवस, भव्य रूप से मनाया जावेगा। जिसमें 23 किलो का लड्डू भगवान को चढा़या जाएगा तथा विशेष पूजा अभिषेक आदि कार्यक्रम होंगे।