सुविवि छात्रसंघ चुनाव में सीएसएस प्रत्याशी
समझौते की राजनीति हावी
udaipur. छात्रों को चुनाव लड़ना होता है, इसलिए वे मेहनत करते हैं लेकिन मैंने मेहनत की, इसलिए छात्र संघर्ष समिति ने मुझे चुनाव लड़ाने का फैसला किया है। यह कहना है छात्र संघर्ष समिति के बैनर तले सुविवि छात्रसंघ चुनाव में अध्यएक्ष पद के प्रत्या्शी अमित पालीवाल का। राजस्थान अनुसूचित जाति जनजाति छात्रसंघ ने उन्हें समर्थन देते हुए अपना कोई प्रत्याशी खड़ा नहीं किया है।
महासचिव पद पर छात्रा प्रेम खराड़ी को सीएसएस ने समर्थन दिया है। उन्हें मुंबई स्थित शिवसेना की विद्यार्थी विंग के अध्यक्ष आदित्य ठाकरे का समर्थन पत्र भी प्राप्त हुआ है। आज यहां पत्रकारों से बातचीत में उन्होंने कहा कि ये चुनाव छात्रों के स्वाभिमान एवं छात्र संगठनों के तानाशाही के बीच संघर्ष की कसौटी साबित होंगे। इसी वर्ष के अंत में राज्य विधानसभा चुनाव भी होने हैं। मेरा मुख्य लक्ष्य ही छात्र हितों की रक्षा एवं विश्व विद्यालय में शैक्षिक माहौल की बहाली है। कुछ समय पूर्व ही सीटें बढ़ाने को लेकर हमने भूख हड़ताल की थी जिसके परिणामस्वरूप विवि को सीटें बढ़ानी पड़ीं। अजजा संगठन के अध्यक्ष रूपसिंह मीणा ने बताया कि इस बार अलग से हम कोई प्रत्याशी नहीं उतारकर पालीवाल के समर्थन में ही जुटेंगे।
पत्रकार वार्ता में मौजूद गत वर्ष मामूली मतों से पराजित सीएसएस के प्रत्याशी दीपक शर्मा, रवि शर्मा, अध्यक्ष दिलीप जोशी एवं संयोजक सूर्यप्रकाश सुहालका ने बताया कि गत वर्षों के चुनाव का आंकड़ा उठाकर देखा जाए तो कुल मतदान का 50 प्रतिशत हिस्सा सीएसएस प्रत्याशी के खाते में आता है। इससे लगता है कि अब पार्टियों के दिन लद गए। प्रत्याशी को उसके काम के अनुसार विजय मिलती है। आने वाले समय में सीएसएस अपने बलबूते पर पार्षद या विधायक के चुनाव में अपने उम्मीदवार उतारने की संभावना से भी इनकार नहीं किया। गत वर्ष जो हमारे प्रत्याशी के साथ हुआ, वो सभी को मालूम है। वो मामला अब तक हाईकोर्ट में विचाराधीन है।