इंडियन सोसायटी फोर ट्रेनिंग एवं डवलपमेन्ट ने किया भ्रमण
Udaipur. इण्डियन सोसायटी फोर ट्रेनिंग एवं डवलपमेन्ट, उदयपुर चेप्टर का एक दल हिन्दुस्तान जिंक लिमिटेड के चंदेरिया स्थित लेड जिंक स्मेल्टर पहुंचा। यह औद्योगिक भ्रमण था। इसमें चेप्टर के करीब 80 सदस्यों ने भाग लिया। इनमें मुख्य हिन्दुस्तान जिंक के पूर्व/वर्तमान में नियोजित कर्मचारी, अन्य औद्योगिक प्रतिष्ठानों के कार्मिक प्रतिनिधि व मानव संसाधन का कोर्स करने वाले विद्यार्थी थे।
कार्यक्रम के संयोजक हर्ष त्रिपाठी ने बताया कि सभी सदस्यों को प्लान्ट विजिट कराने के बाद हाइड्रो-2 सभागार में प्र्रजेन्टेशन एवं डॉक्युमेन्ट्रीत फिल्म के माध्यम से जिंक की सामाजिक उत्थान (CSR) के कार्यक्रमों मे भागीदारी एवं एचआर विभाग द्वारा कर्मचारियों के हितार्थ किये जा रहे एंगेजमेन्ट गतिविधियों की विस्तृत जानकारी एक लघु फिल्म ‘अभिव्यक्ति‘ के माध्यम से दी गई। कार्यक्रम को रोचक बनाने के लिए श्वेता जांगिड़ ने विभिन्न प्रतियोगिताओं का आयोजन कर विजेताओं को पुरस्क्रृत किया। इस दौरान हिन्दुस्तान जिंक के पूर्व अधिकारी पी एस सोलंकी, चेयरमेन आईएसटीडी, उदयपुर चैप्टर व डॉ. नरेन्द्रन ने जिंक प्रबन्धन को धन्यवाद देते हुए विचार व्यीक्तउ किए।
डॉ. राजेश्वरी नरेन्द्रन के अखिल भारतीय इण्डियन सोसायटी फोर ट्रे्निंग एव डवलपमेन्ट की प्रेसीडेन्ट बनने पर चन्देरिया इकाई के एच आर प्रधान संजय शर्मा ने प्रतीक चिन्ह भेंट कर अभिवादन किया। डॉ. राजेश्वरी ने युवा साथियों को शॉप फ्लोर स्तर पर कर्मचारियों से जुड़ कर व उनकी समस्या समाधान का सुझाव व अन्य एच आर मंत्र बताए।
हिन्दुस्तान जिंक की सीआरडीएल में पीएफ शाखा का कार्य देखने वाले के.के. कटेजा के सक्रिय सहयोग से चन्देरिया इकाई में संविदा श्रमिकों के विलम्बित पीएफ खातों के निस्तारण व भुगतान फलस्वरूप विशेष सम्मान दिया गया। कटेजा ने बताया कि हिन्दुस्तान जिंक की चन्देरिया इकाई प्रथम इकाई है जिसने इस वर्ष लगभग पूर्व में नियोजित 550 कामगारों को लगभग 24 लाख का भुगतान किया है जिसके लिए चन्देरिया इकाई की एचआर टीम की पहल व योगदान सराहनीय है। प्लान्ट दौरे के पश्चात सभी सदस्यों को जिंक नगर एवं घोसुण्डा बांध का भी अवलोकन करवाया गया जहां चन्देरिया इकाई के प्रधान विकास शर्मा ने सभी सदस्यों का स्वागत किया व कहा कि यह अनूठा प्रयास है। डॉ. राजेश्वरी नरेन्द्रन ने आईएसटीडी की ओर से विकास शर्मा को प्रतीक चिन्ह भेंट किया। संचालन पी के पाण्डे एवं श्वेता जांगिड़ ने किया। एच आर विभाग के अनिल कुमार गदिया, टी सी खत्री, टी के मुखर्जी, श्याम सुन्दर सोनी एवं संजय असनानी ने कार्यक्रम को सफल बनाने में सक्रिय योगदान दिया।