Udaipur. राजस्थान शिक्षक संघ (राष्ट्रीय) ने 1999 से कार्यरत पात्र शिक्षा सहयोगियों को नियमित कर प्रबोधक बनाने की मांग की है। 1999 में राजीव गांधी स्वर्ण जयन्ति पाठशालाएं खोलकर उसी गांव के दसवीं से बारहवीं उत्ती र्ण योग्यताधारी बेरोजगार युवकों को इन पाठशालाओं में लगाया था।
अध्यक्ष भोमसिंह चुण्डावत व जिलामंत्री चन्द्रप्रकाश प्रकाश मेहता ने बताया कि भाजपा सरकार ने सन 2004 से 2008 के बीच पात्र शिक्षाधारियों को राज्य सरकार द्वारा एसटीसीक रवाकर प्रबोधक बनाया गया, लेकिन गुर्जर आंदोलन के कारण एसटीसी परीक्षा में पूरक आए शिक्षा सहयोगी आज तक प्रबोधक बनने की आस में भटक रहे हैं। वर्तमान में ऐसे शिक्षा सहयोगियों का पारिश्रमिक मात्र 5700/- रू. हैं जो एक अकुशल श्रमिक से भी कम है। इन्हें आकस्मिक अवकाश का लाभ ही दिया जा रहा है। परावर्तित अवकाश का लाभ भी नहीं दिया जा रहा है।