लोकतांत्रिक मोर्चा के उम्मीादवार
Udaipur. राज्य विधानसभा में उदयपुर शहर से लोकतांत्रिक मोर्चा के उम्मीदवार राजेश सिंघवी के समर्थन में आज चुनाव अभियान के तहत वोटों के साथ नोट भी मांगे। अभियान के तहत शहर के विभिन्न बाजारों में दुकान-दुकान जाकर चंदा एकत्र किया गया।
माकपा जिला सचिव बी.एल. सिंघवी ने कहा कि भाजपा व कांग्रेस पार्टी बड़े-बड़े पूंजीपतियों एवं कॉर्पोरेट घरानों से नोट लेकर जनता से वोट लेती है और जीतने के बाद पूंजीपतियों के पक्ष में नीतियां बनाती है तथा इनके सांसद विधायक जनता के मालिक बन जाते है वहीं तरफ माकपा आम आदमी से वोट मांगने के साथ नोट की भी मांग करती है, जिससे इनके नेता, सांसद, विधायक जनता के सेवक बने रहे। अभियान की शुरूआत करते हुए प्रगतिशील विचारक चन्द्रा भण्डारी ने कहा कि एक तरफ तानाशाही ताकतें हैं जो जनता के अधिकारों का दमन कर लोकतंत्र की हत्या कर रही है, वहीं लोकतांत्रिक मोर्चा के उम्मीदवार राजेश सिंघवी लोकतंत्र के बचाने की लड़ाई लड़ रहे हैं। उन्होंने कहा कि लोकतंत्र को बचाना है और तानाशाही ताकतों से शहर को बचाना है तो नीतिगत आधार पर राजेश सिंघवी को तन, मन, धन से समर्थन देकर जिताना होगा।
जनता दल (धर्मनिरपेक्ष) के प्रदेश महासचिव नरेन्द्र जोशी, जनता दल (यूनाईटेड) के मोहम्मद मंसूरी, मुस्लिम महासभा के प्रदेश उपाध्यक्ष के. आर. सिद्दीकी ने भी विचार व्यटक्ता किए। मोर्चे के मोहनलाल खोखावत ने बताया कि लोकतांत्रिक मोर्चे के उम्मीदवार राजेश सिंघवी के समर्थन में चुनाव अभियान टाउन हॉल स्थित शहीद स्मारक पर महात्मा गांधी व लाल बहादुर शास्त्री को श्रद्धांजलि देने के साथ शुरू किया गया। कार्यकर्ता टाउन हॉल से रवाना होकर सूरजपोल, झीणीरेत, मुखर्जी चौक, सिंधी बाजार, घण्टाघर, हाथीपोल, अश्विनी बाजार, देहलीगेट होते हुए वापस टाउनहॉल पहुंचे और वहां अभियान को विराम दिया गया।
अभियान में आरएमएसआरयू के प्रदेश सचिव सौरभ गौतम, सीटू के जिलाध्यक्ष पी. एल. श्रीमाली, सचिव हीरालाल सालवी, महिला समिति की रूकमणी वैष्णव, पूर्व पार्षद गणपति देवी सालवी, मंजू सिंघवी, वरिष्ठ अधिवक्ता अरूण व्यास, रोडवेज वर्कर्स यूनियन के विजेन्द्र चौधरी, बिल्डिंग वर्कर्स मजदूर यूनियन के मुनव्वर खां, लिबर्टी फास्फेट यूनियन के शांतिलाल जोशी, बार एसोसिएशन उदयपुर की वित्त सचिव स्वाति रॉबर्ट, नौजवान सभा युवा कार्यकर्ता मुकेश महात्मा, जावेद खान, प्रेम कुमावत, भरत सेन, शैलेन्द्र सिंह, रामचन्द्र राव, मांगीलाल डांगी, तुलसीराम सेन आदि सैकड़ों कार्यकर्ता शामिल थे।