उदयपुर से गए बच्चों के दल को दिया मंगल पाथेय
udaipur. तेरापंथ संघ के आचार्य महाश्रमण ने कहा कि ज्ञानशालाएं बच्चों को संस्कारित बनाने का उपक्रम है। यह उपक्रम हमारे आराध्य आचार्य श्री तुलसी की देन है जिनका जन्म शताब्दी वर्ष हम देश भर में धूमधाम से मना रहे हैं। उदयपुर ज्ञानशाला के सभी ज्ञानार्थी ईमानदार, संस्कारी एवं व्यसनमुक्त बनें, यही उस महामानव को सच्चे श्रद्धासुमन होंगे।
आचार्य श्री तेरापंथ सभा के अध्यक्ष राजकुमार फत्तावत के नेतृत्व में उदयपुर के विभिन्न उपनगरों में चल रही ज्ञानशालाओं के 101 बच्चों के लाडनूं पहुंचे दल को संबोधित कर रहे थे। शनिवार सुबह वहां पहुंचे ज्ञानार्थियों ने रैली के रूप में स्लोगन, बैनर एवं विभिन्न संस्कार जागरण के उद्घोष लगाते साध्वी प्रमुखा कनकप्रभाजी के प्रवास स्थल पर उनके दर्शन किए। फिर रैली आचार्य श्री महाश्रमण से मंगल पाठ श्रवण कर मुख्य प्रवचन हॉल सुधर्मा सभागार में पहुंची। मुख्य प्रवचन में उदयपुर ज्ञानशाला ने आचार्य महाश्रमण के व्यक्तित्व की विशेषताओं को रेखांकित करते हुए रोचक रूपक प्रस्तुत किया।
दोपहर में आचार्य श्री महाश्रमण के समक्ष एक घंटे के आरक्षित कार्यक्रम में ज्ञानार्थियों ने आचार्य तुलसी को समर्पित तुलसी अष्टकम, त्रिपदी वंदना, लोगस्स पाठ आदि ज्ञानवर्धक प्रस्तुतियां दी। आचार्य श्री महाश्रमण ने ज्ञानार्थियों से तत्वज्ञान आधारित प्रश्नोत्तर किए। मुख्य संयोजिका सुनीता बैंगानी ने आभार जताया वहीं संचालन सह संयोजिका संगीता पोरवाल ने किया।
सभाध्यक्ष राजकुमार फत्तावत ने आचार्य तुलसी जन्म शताब्दी वर्ष में अब तक संपादित किए गए कार्यों की जानकारी देते हुए भावी योजनाओं की प्रस्तुति दी। आचार्य तुलसी जन्म शताब्दी वर्ष में तेरापंथ सभा उदयपुर द्वारा भरवाए गए 2100 अणुव्रत संकल्प पत्र आचार्य महाश्रमण को सभाध्यक्ष फत्तावत के नेतृत्व में तेरापंथ युवक परिषद के अध्यक्ष धीरेन्द्र मेहता, मंत्री अभिषेक पोखरना, परिषद की राष्ट्रीय कार्यसमिति सदस्य विनोद माण्डोत, दीपक सिंघवी ने भेंट किए। तेरापंथ सभा द्वारा प्रकाशित पत्रक सम्पर्क का आठवा अंक सभाध्यक्ष राजकुमार फत्तावत एवं सभा परामर्शक सौभागचंद नाहर ने गुरुदेव को प्रस्तुत किया।