सेवा कर पर खुली परिचर्चात्मक संगोष्ठी
Udaipur. देश भर में करीब 17 लाख पंजीकृत सेवाकर दाता हैं जिनमें से 7 लाख करदाता नियमित रूप से सेवाकर का भुगतान कर रहे हैं। उदयपुर में लगभग पंजीकृत 6 हजार सेवा करदाता में से 4 हजार सेवा करदाता भुगतान नहीं कर रहे है।
यह जानकारी उदयपुर केन्द्रीय उत्पाद एवं सेवाकर विभाग के सहायक आयुक्त नरेश बुन्देल ने दी। वे उदयपुर चैम्बर ऑफ कॉमर्स एण्ड इन्डस्ट्री द्वारा केन्द्रीय उत्पाद एवं सेवाकर विभाग के तत्वावधान में सेवा कर भुगतान से सम्बन्धित ”स्वैच्छिक अनुपालना प्रोत्साहन योजना“ पर खुली परिचर्चात्मक संगोष्ठीक को संबोधित कर रहे थे। परिचर्चा में मुख्यव अतिथि केन्द्रीय उत्पाद आयुक्त कार्यालय-जयपुर द्वितीय के अतिरिक्त आयुक्त पी. पी. सिंह थे।
बुन्देल ने बताया कि घोषित बकाया राशि का 50 प्रतिशत 31 दिसम्बर 2013 तक तथा बकाया 50 प्रतिशत 30 जून 2014 तक बिना किसी ब्याज अथवा पेनल्टी के जमा करवाया जा सकता है। घोषित बकाया सेवाकर राशि नकद जमा करवानी होगी तथा यह सेनवेट में एडजस्ट नहीं होगी। बकाया की घोषणा किये जाने के उपरांत उक्त राशि जमा करवाना आवश्य क होगा। आय घोषणा व जमा करवाने की प्रक्रिया पूर्ण होने के उपरान्त इस केस की फाईल को देश के किसी भी न्यायिक प्रक्रिया के माध्यम से अपील अथवा पुर्नविचार हेतु नहीं खुलवाया जा सकेगा। योजनान्तर्गत अदा किए गए सेवाकर की राशि किसी भी स्थिति में पुनः नहीं लौटाई जाएगी। केन्द्रीय उत्पाद आयुक्त कार्यालय-जयपुर द्वितीय के अतिरिक्त आयुक्त पी. पी. सिंह ने कहा कि सेवाकर की अदायगी हेतु पंजीकृत उन करदाताओं के लिये सरकार द्वारा स्वैच्छिक अनुपालना प्रोत्साहन योजना लागू की गई है जो कतिपय कारणों से बकाया सेवाकर कर अदा नहीं कर पाए है या सेवा कर की रिटर्न फाईल करने से चूक गए हैं।
चैम्बर अध्यक्ष महेन्द्र टाया ने बताया कि सेवाकर लागू किये जाने के बाद से ही करदाताओं को इससे सम्बन्धित कई परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। उल्लेखनीय है कि गत वित्तीय वर्ष में सरकार को सेवाकर से लगभग 1,31,000 करोड़ रुपए की राजस्व आय हुई किंतु उसके साथ ही कुछ वर्षों के दौरान सेवाकर के संदर्भ में कई प्रकार की भ्रांतियों तथा स्पष्टीसकरण के अभाव में करदाताओं व सेवाकर विभाग के बीच कई विवाद भी हुए जिनके चलते विभिन्न स्तरों पर कई प्रकरण न्यायिक प्रक्रिया के अन्तर्गत विचाराधीन है। इस अवसर पर केन्द्रीय उत्पाद एवं सेवा कर विभाग, उदयपुर के अधीक्षक के. सी. तिवारी, ए. के. श्रीमाली, गोधा एवं निरीक्षकों सहित अन्य स्टाफ भी उपस्थित था। संचालन मानद महासचिव आशीष छाबडा़ ने किया। अंत में यूसीसीआई की डीजीएफटी, फॉरेन ट्रेड एवं सीबीईसी सब कमेटी के चेयरमैन पवन तलेसरा ने सभी का धन्यवाद दिया।