सांवलिया सेठ व बाबा रामदेव के नाम
फतहनगर. रविवार रात कस्बेम में आयोजित एक शाम बाबा रामदेव के नाम एवं सांवलिया सेठ के नाम आयोजित भजन संध्याे में इतनी भीड़ उमड़ी कि आयोजकों को काफी मशक्कनत करनी पड़ गई। लोगों का मानना है कि अब तक किसी कार्यक्रम में यह सर्वाधिक भीड़ रही।
नगरपालिका कार्यालय के समीप स्थित मैदान भजन संध्या के शुरू होने से पहले ही दर्शकों से खचाखच भर गया तथा बाद में भीड़ का आलम यह रहा कि विशिष्ट जनों की दीर्घा को भी आम लोगों के लिए खोलना पड गया। मंच के आस पास नृत्य कलाकारों के लिए स्थान रखा गया लेकिन लोगों की भीड़ ठेठ मंच तक जा पहुंची। पहली मर्तबा इस भजन संध्या ने लोगों की भीड़ को तडक़े चार बजे तक बांधे रखा। यहां अब तक हुए किसी भी कार्यक्रम में अक्स र लोग रात्रि 12 बजे बाद निकलना शुरू हो जाते हैं लेकिन इस बार सभी जमे रहे। व्यवस्थाओं के लिए माकूल पुलिस व्यवस्था की गई। इसके अलावा सांवलिया भक्ते मण्डल, गणेश सेना, वड़ला वॉरियर्स आदि के स्वयंसेवक भी तैनात रहे लेकिन इनसे भी भीड़ को काबू में करना मुमकिन नहीं हुआ। पुलिस को रात भर भीड़ को व्यवस्थित करने में काफी मशक्कत करनी पड़ी। एकबारगी पुलिस को हल्का बल प्रयोग भी करना पड़ा।
लुभा गया मंच : सांवलिया फ्रूट सेंटर के तत्वावधान में आयोजित भजन संध्या के लिए बना विशालकाय मंच हर किसी को लुभा गया। मंच करीब साढ़े पांच फीट ऊंचा होने के साथ ही पीछे कलात्मक सज्जा की गई। बीच में विशालयकाय विनायक प्रतिमा को स्थापित किया गया। प्रतिमा के चरणों में भजन गायकों एवं वाद्य वादकों का स्थान तथा आगे रंगारंग कार्यक्रम प्रस्तुत करने वालों के लिए मंच बनाया गया। मंच के बॉंयी ओर सॉंवलिया सेठ का दरबार सजा जहां पर मण्डपिया धाम से आया सॉंवलिया सेठ का वेवाण सजा। इस मंच पर बारी-बारी से लोग जागरण के तहत आते रहे और अपनी सेवा अर्पित करते रहे। सॉंवलिया मंदिर के पुजारी कमलेश तथा अन्य लोग सेवा में लगे रहे। दांयी ओर के मंच पर हनुमान की विशाल प्रतिमा के अलावा बाबा रामदेव की झांकी सजी। यहीं पर नीमच माता वकारीमंगरी के देवीलाल गाडरी ने सानिध्य प्रदान किया। कार्यक्रम स्थल पर जगह-जगह प्लाजमा लगे जहां से लाइव किया गया। आवरीमाता मंदिर विकास कमेटी द्वारा प्रवेश द्वार पर भोजन पैकेट की व्यवस्था की गई।
खूब जमे राजस्थावनी गायक प्रकाश
पहली मर्तबा प्रसिद्ध राजस्थानी भजन गायक प्रकाश माली, कालूराम बिखरनिया एवं अहमदाबाद की आशा वैष्णव एक साथ कार्यक्रम में बुलाए गए। प्रत्येक गायक का भजन भकित रस में सराबोर करने वाला था। भजन संध्या का आगाज ठीक 9.30 बजे अर्जुन राणा द्वारा प्रस्तुत गणपति वंदना ‘मैं थाने सिमरू गजानंद देवा एवं गुरू वंदना एकण बार आज्यो गुरूवर बारम्बार आज्यो’ से हुआ। मंच पर प्रकाश माली रात 10.30 बजे आया तथा आते ही भजनों की सरिता ऐसी बही कि लोग अपनी जगह पर टिक गए। प्रकाश माली ने ‘घुमा दे मारा बालाजी घमड़-घमड़ घोटो’ प्रस्तुत किया किया। इस भजन पर रमेश राजस्थानी ने हनुमान का रूप धरा तथा दर्शकों के बीच जाकर अपनी प्रस्तुतियां दी। माली ने इसके बाद बाबा रामदेव को समर्पित रूण्झुण बाजे घुघरा समेत कई भजन प्रस्तुत किए। माली ने रात एक बजे माइक छोड़ा। रात 12 बजे कालु राम बिखरनिया तथा आशा वैष्णव ने मंच पर पर्दापण किया। इसके बाद कालुराम बिखरनिया एवं आशा वैष्णव ने भजनों की झड़ी लगा दी। इन भजनों पर प्रिया जोशी, सुरेश सेन, बाबुनाथ समेत अन्य कलाकारों ने अपनी नृत्यमयी प्रस्तुतियों से समां बांध दिया। प्रिया जोशी के नृत्यों ने अपनी ख्याति के अनुरूप लोगों को मंच पर नजर टिकाने पर मजबूर कर दिया। कार्यक्रम के बीच आयोजक रतनलाल बुनकर, रामेश्वरलाल बुनकर तथा अन्य ने कलाकारों का सांवलिया सेठ की छवि प्रदान कर बहुमान किया। नगर की ओर से आयोजक रतनलाल का गोवर्धनलाल खटीक, सांवलिया सेठ के पुजारी कमलेश एवं अन्य द्वारा सम्मान किया गया। मंच संचालन पं. विनायक जोशी एवं ओम महावर ने किया।