udaipur. चारों ओर महंगाई के कारण हाहाकार मचा हुआ है। मंहगाई ने आमजन जीवन को अस्त-व्यस्त कर दिया है. महंगाई पर केन्द्र सरकार द्वारा नियंत्रण नहीं होने तथा समय-असमय रिजर्व बैंक द्वारा ब्याज दर में की जाने वाली वृद्धि का असर सीधा विभिन्न व्यवसायों पर पड़ रहा है। प्रोपर्टी व्यवसाय में मंदी है या नहीं, इस पर शहर के प्रमुख भूमि व्यवसाइयों का अपना-अपना अलग-अलग मत है. महंगाई के चलते प्रोपर्टी व्यवसाय पर सोने-चांदी का व्यवसाय भारी पड़ रहा है। कुछ बिल्डर इससे सहमत है तो कुछ नहीं।
जी बी बिल्डर्स के भरत शर्मा मानते हैं कि महंगाई तो है लेकिन प्रोपर्टी में मंदी नहीं मान सकते. मार्केट अच्छा है. जिसको वाकई खरीदना है या बेचना है, उसका काम हो रहा है. जिसने गलत प्रोपर्टी में निवेश कर दिया, उसकी भूमि बिक नहीं रही है या फिर उसके प्रोजेक्ट्स कम्प्लीट होने में निर्धारित समय से अधिक लग गया है तो मंदी की हवा ऐसे लोगों के कारण है.
महालक्ष्मी बिल्डहोम प्रा. लि. के लक्ष्मणदास बजाज ने बताया कि प्रोपर्टी व्यवसाय अभी ठीक-ठाक दौर से गुजर रहा है न तेजी है और न मंदी। वर्ष में 6 माह प्रत्येक व्यवसाय के लिये बहुत अच्छे होते है। हालांकि व्यक्ति की प्राथमिकता शुरू से रोटी, कपडा और फिर मकान ही रही है. रिजर्व बैंक के ब्याज दरों में निरंतर वृद्धि का असर भी व्यवसाय पर पड़ा है. निवेशक कम पूंजी से भी सोने-चांदी में निवेश कर कमा रहा है जबकि प्रोपर्टी व्यवसाय में कम निवेश संभव नहीं है।
सीमेन्ट, लेबर, स्टील व ईंटो में हुई जबरदस्त वृद्धि ने निर्माण लागत में लगभग 25 प्रतिशत तक की वृद्धि कर दी है। बाजार में लेबर पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध नहीं होने के कारण उत्पादन नहीं हो पा रहा है जबकि मांग बराबर बनी हुई है। महंगाई के कारण जनता प्रोपर्टी में निवेश नहीं कर पा रही है। शहर में अच्छे लोकेशन पर जमीनें उपलब्ध है नहीं और जहाँ हैं तो उसके भाव इतने बढ़े हैं कि खरीदार नहीं मिल रहे है।
दीपावली पर उदयपुर में लांच मंगल आशियाना प्रा. लि. के निदेशक महावीर रातडिय़ा बताते हैं कि कम्पनी ने मध्यमवर्गीय परिवारों के लिये गांव उमरड़ा में एक हजार रूपये प्रति वर्गफीट पर सिंगल स्टोरी के मकान बनाने का प्रोजेक्ट लांच किया है। यह प्रोजेक्ट एक वर्ष में पूर्ण हो जायेगा.
हीतावाला कंस्ट्रक्शन प्रा.लि. के मंसूर अली व नासिर हुसैन मानते हैं कि अच्छी लोकेशन पर प्रोपर्टी होने है तो खरीदार आसानी से मिल जाते हैं, ऐसे स्थानों पर महगांई का कोई असर नहीं है। प्रोपर्टी व स्वर्ण-रजत व्यवसाय दोनों के लिये निवशकों की श्रेणी अलग-अलग है.
रिद्धी-सिद्धी इन्फ्रा प्रोजेक्ट्स प्रा. लि.के प्रबन्ध निदेशक श्याम बी. गुप्ता मानते हैं कि रिजर्व बैंक के ब्याज दरों में वृद्धि और महंगाई के विभिन्न कारणों से दीपावली व उसके बाद वेतनभोगी व्यक्ति प्रोपर्टी व्यवसाय से दूर होता चला गया है. गत वर्ष के मुकाबले इस वर्ष व्यवसाय में कमी देखने को मिली है। दूसरी ओर गत एक वर्ष के दौरान सोना-चांदी व्यवसाय में निवेश करने का प्रतिशत महिलाओं का अधिक रहा.
आशीर्वाद प्रोपर्टी के हीरालाल मालवी ने बताया कि वैश्विक मंदी का असर शहर में प्रोपर्टी व्यवसाय में देखने को मिल रहा है। राज्य में सरकार द्वारा 90-बी पर लगायी रोक के कारण नये पट्टे नहीं आ रहे है। नया माल बाजार में नहीं आ पा रहा है, जिससे शहर के विकास की गति रूकी हुई है। महंगाई के कारण निर्माण लागत में लगभग 20 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। इन दिनों चांदी में निवेशक का धन फंसा होने के कारण रुपये का टर्नओवर नहीं हो पा रहा है.
एक्मे प्रोपर्टी के रमेश जैन व कमल जैन ने बताया कि नगर विकास प्रन्यास से अप्रूव्ड प्रोजेक्ट की तुलना में कृषि भमि पर महंगाई का अधिक असर है. गत एक वर्ष के दौरान व्यापार तो बढ़ा लेकिन उसकी तुलना में दरों वृद्धि अनुपात में कम हुई.
एक वर्ष में निर्माण सामग्री के दामों में हुई वृद्धि
सीमेन्ट- 60 प्रतिशत
स्टील- 25 प्रतिशत
लेबर- 50 प्रतिशत
ईंट- 100 प्रतिशत
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