Udaipur. और सचिन की टेस्ट क्रिकेट पारी का समापन हो गया। कल अपने नाबाद 38 रन की पारी से शुक्रवार को आगे खेलना शुरू किया और 74 रन पर वे आउट हो गए। उनके लिए क्रिकेट की विदाई की वेला में वेस्ट इंडीज की टीम ने उनके आउट होने पर खुशी भी नहीं मनाई। जगह जगह उनके प्रशंसक टीवी पर नजरें गड़ाए थे कि अंतिम टेस्ट में शतकवीर बनेंगे लेकिन नहीं बना पाए।
जब हम स्कूली ज्ञान प्राप्त कर रहे थे और नवीं कक्षा में पढ़ते थे। तब क्रिकेट में आज ‘क्रिकेट के भगवान’ कहे जाने वाले सचिन तेंदुलकर का आगमन हुआ ही था। उस समय उनका आगमन हुआ और पाकिस्ताकन के उस समय के जाने-माने स्पिनर गुगली मास्टसर अब्दुमल कादिर का कैरियर दांव पर लग गया था। कादिर इसलिए भी याद हैं कि गेंद फेंकने का उनका एक्शान गजब था।
हालांकि उस समय तक रंगीन टीवी आ चुके थे। वर्ष 1989..। पाकिस्तानन दौरे पर गई भारतीय टीम। कपिल देव, मो. अजहरुद्दीन जैसे खिलाड़ी टीम में शामिल। चार टेस्टई मैचों की श्रृंखला के बाद वन डे सीरिज खेली जानी थी। पहला मैच बारिश के कारण रद्द हो गया। बाद में 20-20 ओवर का दोस्ता ना मैच खेलने पर दोनों टीमें तैयार हो गईं। पाकिस्तायन ने पहले बल्लेरबाजी की। सचिन जब बल्लेसबाजी करने आए तो भारतीय टीम जूझ रही थी। सचिन ने आते ही एक अन्य स्पिनर मुश्तासक अहमद की बॉल पर छक्का जड़ दिया। तब गुगली किंग अब्दुकल कादिर ने उनसे कुछ कहा था।
इसके बाद कादिर गेंदबाजी करने आए। सचिन ने कादिर के ओवर में तीन छक्केक और एक चौका मार दिया। तब कादिर और पाक टीम के कप्तानन इमरान खान का चेहरा देखने लायक था। इसके बाद अगले वर्ष ही 1990 में कादिर ने अपना अंतिम टेस्ट मैच खेला।
(संजय अग्रवाल की जुबानी)