Udaipur. मेवाड़ में कांग्रेस और भाजपा के स्वयंभू बने नेता धीरे धीरे अलग थलग पड़ रहे हैं। एक एक करके दोनों के विश्वस्त साथ छोड़ते जा रहे हैं। जहां गत दिनों कांग्रेस के डॉ. सी. पी. जोशी को एयरपोर्ट पर गहलोत के सामने नीचा दिखाया गया वहीं आज भाजपा नेता गुलाबचंद कटारिया के विश्वस्त महावीर भगोरा भी उनके विरोधी प्रतापगढ़ विधायक नंदलाल मीणा के साथ मिल गए।
उल्लेखनीय है कि एयरपोर्ट पर गत दिनों मुख्य मंत्री अशोक गहलोत का 21 किलो फूलों की माला पहनाकर स्वाीगत करने वाले देहात जिलाध्यक्ष लालसिंह झाला ने डॉ. सी. पी. जोशी की तरफ देखा तक नहीं। बाद में पूछने पर उनका जवाब था कि वे बाद में आए इसलिए दिखे नहीं। हालांकि इस अपमान का घूंट डॉ. जोशी चुपचाप पी गए और वहां से निकल लिए। इधर आज भाजपा नेता गुलाबचंद कटारिया के विश्वस्त महावीर भगोरा कैश फॉर वोट के मामले से बरी होकर जब आज उदयपुर पहुंचे तो उनका स्वागत करने मात्र दो लोग पहुंचे। देहात भाजपा प्रवक्ता वीरेन्द्र सिंह सोलंकी एवं एक उनके मित्र।
जमानत पर छूटकर आने पर भी उनका इतना भव्य स्वागत हुआ था कि रेलवे स्टेशन पर तिल धरने तक जगह नहीं थी। कुछ ऐसी ही उम्मीद भगोरा को आज भी थी लेकिन गत दिनों टिकट वितरण के बाद कटारिया के खिलाफ मुंह खोलने तथा गोगुंदा से बागी बनने की धमकी देना उनके लिए महंगा पड़ गया और उसी क्रम में रेलवे स्टेथशन पर उनका स्वागत करने कोई नहीं पहुंचा।
बकौल मांगीलाल जोशी शहर एवं देहात जिला कार्यकारिणी में कटारिया का ही वर्चस्वा है। उनके बिना पत्ता नहीं हिलता। दोनों जिलाध्यक्ष मात्र चाबी है जो कटारिया के हाथ से घूमती है। इसका फलित आज दिख भी गया कि न तो शहर और न ही देहात से कोई भी कार्यकर्ता भगोरा का स्वागत करने पहुंचा।
उधर कांग्रेस नेता डॉ. सी. पी. जोशी से राज्य के चुनाव प्रचार की कमान वापस लेकर गुलाम नबी आजाद को देने की चर्चाएं जोरों पर हैं। गत दिनों राज्य में हुई कांग्रेस की रैलियों में काफी कम भीड़ पहुंचने से राहुल गांधी नाराज हैं और उन्होंने इसे कड़ाई से लिया है। इसी क्रम में डॉ. जोशी से यह कमान वापस ली गई है। खास तौर से मेवाड़ की सीटों पर कांग्रेस की भी नजर है। इसमें अगर कोई खामी हुई तो नतीजा भुगतना होगा।