नहीं पहुंची वृंदा करात
Udaipur. माकपा की राष्ट्रीय नेता एवं पूर्व सांसद सुभाषिनी अली ने कहा कि भाजपा व कांग्रेस एक ही चरित्र की पार्टी हैं। दोनों ही दल जनता के असली मुद्दे नहीं उठाते। वह आरोप-प्रत्यारोप लगाकर जनता का ध्यान हटाने में लगे हैं। वे उदयपुर में माकपा प्रत्याशी राजेश सिंघवी की सभा को संबोधित करने से पहले पत्रकारों से मुखातिब हो रही थी। महिला समिति की राष्ट्रीय अध्यक्ष के निधन के कारण वृंदा करात का दौरा स्थगित कर दिया गया।
सुभाषिनी अली ने कहा कि देश के दोनों बड़े दल नव उदारवादी नीतियों पर चल रही हैं जिसमें जनता को फायदा कम तथा उनका अपना फायदा ज्यादा हो रहा है। शिक्षा व स्वास्थ्य जैसे प्रमुख क्षेत्र का निजीकरण कर दिया गया है। वह मार्स तक सेटेलाइट भेज रही है लेकिन जनता की परेशानी का हल करने की कोशिश नहीं करती।
राजस्थान में चुनाव से पहले अपने फायदे के लिए कांग्रेस सरकार ने सार्वजनिक वितरण प्रणाली लागू की हैं। ऐसी सरकारें एक हाथ से जनता को दिखावे के लिए देती तो हैं लेकिन दूसरे हाथ से ले लेती हैं। ऐसी भी भावना भाजपा सरकारों की हैं। दोनों की नीतियां समान हैं। तू-तू- मैं-मैं तो दिखाने के लिए हैं। संयोग ऐसा है कि दोनों के बीच आदान-प्रदान चल रहा है। भाजपा ने कांग्रेस के 18 तथा कांग्रेस ने भाजपा के 16 लोगों को टिकट देकर यह प्रमाणित किया है। दोनों ही दल के लोग दिन में सांप्रदायिक होते हैं तथा शाम ढलते ही धर्मनिरपेक्ष बन जाते हैं। उनमें निष्ठा नहीं है। ये दल धर्म, जाति के नाम पर वोट बनाने में जुटे हैं। आम जनता के सामने अब विकल्प है और माकपा ने इसे पूरा करने के लिए प्रयासरत है।
अली ने चुनाव प्रक्रिया व विजयी के मापदण्ड को लेकर भी सवाल उठाए और कहा कि इलेक्ट्रोरेट सिस्टम चालीस फीसदी मत पाने वालों के बीच मुकाबले में पाचं वोट अधिक लाने वाले को विजयी घोषित करता है जबकि उस पर ध्यान नहीं देता कि साठ फीसदी जनता उसके विरोध में हैं। उन्होंने कहा के चुनाव प्रणाली में सुधार की बहुत आवश्यकता है। चुनाव फण्डिंग भी सरकारों की ओर से होनी चाहिए। आनुपातिक प्रणाली से यह लागू की जानी चाहिए। इसके विपरीत आज पार्टियां मनमाने तरीके से चुनाव में पैसा खर्च करने में लगी हैं। उन्होंने कहा कि भ्रष्टाचार सरकारी नीतियों के चलते फैल रहा है। उद्योग व कारखानों को विकसित किए जाने की बजाय प्राकृतिक ससाधनों की लूट मचाकर विकास का नाम दिया जा रहा है। जिस कोलगेट पर बहस चल रही है, उसमें भाजपा भी बराबर की दोषी है। नीतियां ऐसी हैं कि भारत में कोयला अच्छी मात्रा में होने के बावजूद आयात करना पड़ रहा है। जहां तक गुजरात सरकार का सवाल है वहां अंबानी, अड़ृानी तथा टाटा को कौडियों में किसानों की जमीन देकर सब्सिडी देकर भ्रष्टाचार के तौरतरीके अपनाए जा रहे हैं। छोटी पार्टी होने के बावजूद माकपा जनता के समक्ष विकल्प के रूप में राजस्थान में उतरी है। बाद में उन्होंाने माकपा प्रत्या शी राजेश सिंघवी के समर्थन में निकली रैली में शामिल होकर बैंक तिराहे पर आमसभा को भी संबोधित किया।
माकपा प्रत्याशी के समर्थन में आयोजित सभा में माकपा की मशहूर नेता वृद्धा करात को उदयपुर आना था लेकिन पार्टी की महिला समिति की राष्ट्रीय अध्यक्ष श्यामला गुप्ता के कोलकाता में निधन होने से उन्हें अपना चुनावी दौरा स्थगित कर कोलकाता जाना पड़ा।