उदयपुर। कहा जाता है कि कभी भी किसी के द्वारा लिया गया एक निर्णय किसी को जीवनदान दे सकता है तो किसी को मृत्यु तक ले जा सकता है। प्रत्येक माता-पिता यही चाहते है कि उनकी अर्थी अपने पुत्र के कंधों पर ही निकले लेकिन वे कभी नहीं चाहते कि उनके कंधों पर उनके पुत्र की अर्थी जाए। इससे भी अधिक दुख की बात यह होती है कि जब एक विधवा मां को उसके युवा पुत्र की दोनों किडनी फेल होने का समाचार मिले।
खेरादीवाड़ा काष्ट कला मार्ग निवासी 45 वर्षीय विधवा मां भावना कुमावत के सामने 1 वर्ष पूर्व वह दिन सबसे दुखदायी था जब उन्हें मालूम हुआ कि उनके उस समय 24 वर्षीय पुत्र दीपकराज कुमावत की उच्च रक्तचाप के कारण दोनों किडनियां फेल हो गयी थी। छह माह तक नडिय़ाद में इलाज चलाने के बाद वहां के चिकित्सकों ने अहमदाबाद में किडनी प्रत्यारोपण की सलाह दी जिस पर करीब 25 से 30 लाख का खर्चा बताया। यह सुनकर भावना के पैरों तले जमीन खिसक गई। 6 वर्ष पूर्व एक दुर्घटना में उनके पति का देहान्त हो गया और गरीबी की हालत में घर खर्च चलाने वाले पुत्र दीपकराज की दोनों किडनियां भी फेल हो गयी तो उनके सामने न केवल अंधेरा छा गया वरन् उनका भविष्य भी अंधकारमय दिखार्ई देने लग गया।
भावना कुमावत ने इतना होने के बावजूद हिम्मत नहीं हारी और अपनी एक किडनी देने का अटल निर्णय यही सोच कर लिया कि यदि उनका पुत्र ही नहीं रहेगा तो यह जीवन किस काम का। भावना कुमावत ने अपने निर्णय को मन में दृढ़ता के साथ मजबूत करते हुए विधवाओं के लिए शहर में कार्यरत संस्था विवेकानंद सेवा न्यास की मंजुला बोर्दिया से सम्पर्क किया। मंजुला ने उन्हें हिम्मत देते हुए कुछ अन्य संस्थाओं व मुख्य रूप से हिन्दुस्तान जिंक से सम्पर्क कर उन्हें आर्थिक सहायता दिलानें का आग्रह किया। हिन्दुस्तान जिंक ने भी अपने सीएसआर प्रोजेक्ट के तहत दीपकराज कुमावत की आर्थिक सहायता देने का निर्णय लिया और गत 31 अक्टूबर को अहमदाबाद के सिविल हॉस्पीटल में ऑपरेशन कराया। 3 दिन पूर्व ही अहमदाबाद से स्वस्थ होकर लौटे माता-पुत्र ने बताया कि वे अब काफी बेहतर महसूस कर रहे हैं। बेटे को जीवनदान देकर मां के चेहरे पर अपार खुशी छलक रही है कि अब उनके बुढ़ापे का सहारा एक नयी सोच के साथ नया जीवन यापन कर सकेगा। दीपकराज ऑपरेशन से पूर्व एक निजी चिकित्सालय में मेडिकल दुकान पर कार्य करता था लेकिन अब वह कुछ नया करने की चाह रखता है। वह 3 माह बाद कुछ नये रोजगार की तलाश में जुट जाएगा।