नववर्ष पर लेकसिटी पर्यटकों से गुलजार
1947 और 2014 का अंग्रेजी कैलेण्डर एक सा
उदयपुर। वर्ष 2013 बीतने में कुछ ही समय बाकी रहा है। इस बार वर्ष 2014 की विशेषता यह कि अंग्रेजी कैलेण्डर के मुताबिक 1947 का कैलेण्डर इस वर्ष के कैलेण्डशर का हुबहू है। वर्ष का अंतिम दिन होने से बाजार सूने पड़े रहे वहीं युवा अपने सेलिब्रेशन की तैयारियों में रहे।
हालांकि युवाओं के लिए एक संकट अवश्यप बन गया कि अंतिम दिन मंगलवार था और मंगलवार को अमूमन आम शराबी शराब को हाथ नहीं लगाते। कुछ ने 12 बजने का इंतजार किया तो किसी ने भगवान से माफी मांग ली। जहां युवाओं ने नववर्ष की तैयारियां पूरी की वहीं पुलिस एवं जिला प्रशासन ने भी अपनी तैयारियां पूरी कर रखी हैं। सरकारी दफ्तरों का आलम तो गत एक सप्तााह से बिगड़ा हुआ है। बची हुई छुट्टियां लेने का यह सबसे अच्छाल मौका रहता है। अगले वर्ष लैप्से होने वाली छुट्टियां इसी वर्ष में लेकर आनंद उठाने से कोई नहीं चूकना चाहता।
शहर भर की होटलों, फॉर्म हाउसेस, रिसॉर्ट्स आदि पर नववर्ष मनाने की तैयारियां पूरी कर ली गई हैं। सभी ने अपने अपने स्तर पर प्रति व्यक्ति 2500 रुपए से दरें रखी हैं जो कपल के लिए 4000 और फेमिली के लिए 6000 तक हैं। सर्दी की छुट्टियां होने के कारण पर्यटकों की भी शहर में भरपूर आवक है। कुछ युवाओं ने अपने दोस्तों के साथ तो कई ने अपने घरों में टीवी के साथ ही नववर्ष मनाने का निश्चय किया है।
हालांकि टीवी पर शताधिक चैनल हो चुके हैं कि सभी अपने अपने अनुसार दर्शकों को बांधे रखकर टीआरपी बढ़ाना चाहते हैं लेकिन पूर्व के जमाने की दूरदर्शन वाली बात नहीं रही। जब दो-ढाई घंटे का विशेष रूप से नववर्ष के लिए कार्यक्रम बनता था और प्रसारित होता था। रिमोट हाथ में और चैनल इतने कि किस-किस को देखें, इसके बावजूद अधिकांश लोग घरों पर टीवी देखकर ही नववर्ष मनाना चाहते हैं।
नववर्ष के स्वागत में रामायण पाठ
फतहनगर. ठीक मध्य रात्रि को घड़ी की सुई के दोनों कांटे 12 बजे मिले और नववर्ष के स्वागत में युवाओं के कदम थिरक उठे। जहां युवाओं ने होटलों एवं पिकनिक स्पॉट पर जाकर नए वर्ष का स्वागत किया वहीं धर्मप्रेमी लोगों ने सिद्ध हनुमान मंदिर प्रांगण में अखण्ड रामायण पाठ में भाग लेकर इसे यादगार बनाया। बजरंग मण्डल एवं नगरवासियों द्वारा अखण्ड रामायण पाठा सुबह 8 बजे शुरू किया गया। इसमें बड़ी संख्या में महिला एवं पुरूषों ने भाग लिया। सायंकाल स्नेहभोज का भी आयोजन किया गया। रात्रि को 12 बजे नए साल का स्वागत किया गया। अखण्ड रामायण पाठ का समापन बुधवार सुबह 6 बजे बालाजी की महाआरती के साथ ही होगा।