विद्यापीठ में भारतीय प्रौढ़ शिक्षा संघ का राष्ट्रीय अधिवेशन का शुभारंभ
ग्रामीण विकास से ही देश का विकास संभव – प्रो. गर्ग
उदयपुर। गुजरात की राज्यपाल डॉ. कमला ने शिक्षकों एवं छात्रों से कहा कि वे अपनी शिक्षा को समाज एवं राष्ट्र के उत्थान हेतु समर्पित करें। उन्होंने कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों में जाकर ग्रामीणों के लिए साक्षरता, स्वास्थ्य तथा जनहित जैसे महत्वपूर्ण कार्य करें क्योंकि शिक्षा राष्ट्र निर्माण हेतु महत्वपूर्ण है।
राज्यपाल शुक्रवार को राजस्थान विद्यापीठ के प्रतापनगर पसिर में भारतीय प्रौढ़ शिक्षा संघ तथा जनार्दनराय नागर राजस्थान विद्यापीठ विश्वपविद्यालय के तत्वावधान में आयोजित प्रौढ़ शिक्षा संघ के 60 वें राष्ट्रीय अविधेषन तथा तीन दिवसीय ‘‘लाइफ लांग लर्निंग इन हायर एज्यूकेशन’’ पर आयोजित राष्ट्रीय सेमिनार को सम्बोधित कर रही थी।
सर्वांगीण विकास हेतु शिक्षा जरूरी : राज्यपाल डॉ कमला ने आगे कहा कि शिक्षा मानव के सर्वांगीण विकास के लिए होनी चाहिए जो बुद्धि के विकास के लिए हो एवं श्रम साध्य व मानवता से परिपूर्ण हो। शिक्षक समाज में मित्रवत वातावरण बनाते हुए समाज की उन्नति में अपना योगदान दे। उन्होंने बताया कि आज भी देश में करोड़ों व्यक्ति गरीबी के नीचे जीवनयापन कर रहे है। अन्य राष्ट्रों की तुलना में हमारे यहां विकास दर काफी कम है। उन्होंने कहा कि शिक्षक व छात्र अपनी षिक्षा का समर्पण ऐसे लोगों के लिए करेंगे तो देष का विकास स्वतः ही संभव हो जायेगां। इसके लिए शिक्षा एवं स्वास्थ्य सेवाओं में वृद्धि करना आवश्यपक है। साथ ही महिला शिक्षा पर भी जोर देना होगा।
अध्यक्षता करते हुए राजस्थान विद्यापीठ के चांसलर व प्रौढ़ शिक्षा संघ के अध्यक्ष प्रो. भवानीशंकर गर्ग ने कहा कि देश में आदर्श नागरिक तैयार करने के लिए शिक्षा की महत्वपूर्ण भूमिका होती है। शिक्षा केवल अक्षर ज्ञान, प्रमाण या डिग्री के लिए नहीं वरन् सम्पूर्ण मानवता के विकास के लिए आवष्यक है। ग्रामीण विकास से ही देश का विकास संभव है, इसलिए ग्रामीण क्षेत्र में अन्य विकास के साथ साथ शिक्षा का स्तर भी सुधारना होगा ताकि ग्रामीण समाज देश के विकास में अपनी भागीदारी निभा सकें।
विशिष्ट् अतिथि महाराणा प्रताप कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वरविद्यालय के कुलपति प्रो. ओ. पी. गिल ने कहा कि पंडित नागर ने जो एक स्वप्न देखा था कि समाज के कमजोर व वंचित वर्ग विशेष कर श्रमजीवियों, कामगारों, गरीबों, पिछडी जाति के लोगों को शिक्षा मिले वही कार्य राजस्थान विद्यापीठ आज ग्रामीण क्षेत्रों में प्रौढ़ शिक्षा, समाज शिक्षा तथा साक्षरता के प्रसार द्वारा लोगों को शिक्षित कर रहा है।
अतिथियों का स्वागत करते हुए राजस्थान विद्यापीठ के कुलपति प्रो. एस़.एस. सारंगदेवोत ने कहा कि शिक्षा, सामुदायिक विकास , संस्कृति की जीवंतता और लोकतांत्रिक संस्थाओं का सशक्तिकरण ही हमारे प्रजातंत्र का आधार हो सकता है। उन्होने कहा कि षिक्षा का लक्ष्य सिर्फ सूचनाएं एकत्रित करना ही नही होना चाहिए वरन् हम अपने पूर्वाग्रहो व दुराग्रहों से दूर हो सके ऐसी शिक्षा देनी चाहिए। संघ के महासचिव कैलाशचन्द्र चौधरी ने देश में किए जा रहे कार्यों की जानकारी दी। संचालन डॉ. हिना खान ने किया।
गार्ड ऑफ ऑनर : गुजरात की राज्यपाल डॉ. कमला को पुलिस प्रशासन द्वारा गार्ड ऑफ ऑनर दिया गयां। इस अवसर पर राजस्थान विद्यापीठ विश्वनविद्यालय द्वारा राज्यपाल तथा विशिष्टा अतिथि प्रो. ओ.पी. गिल का शॉल एवं स्मृति चिन्ह् भेट किया गया।
तकनीकी सत्र : सेमीनार के प्रथम दिन दो तकनीकी सत्रों के तीन समानान्तरण सत्रों में ‘‘लाईफ लॉग लर्निंग इन हायर एज्यूकेशन’’ विषय पर 125 पत्रों का वाचन किया गया। इस अवसर पर प्रौढ़ शिक्षा संघ के उपाध्यक्ष प्रो. एम.एस. राणावत, कोषाध्यक्ष मदन सिंह, निदेशक वी. मोहनकुमार रजिस्ट्रार डॉ. प्रकाश शर्मा, डॉ. एन. एस. राव, डॉ. लक्ष्मीनारायण नन्दवाना, डॉ. ललित पाण्डेय, इंदिरा राजपुरोहित, आदि उपस्थित थे।