विद्यापीठ में भारतीय प्रौढ़ शिक्षा संघ के काउन्सलर के चुनाव
उदयपुर। भारतीय प्रौढ़ शिक्षा संघ तथा जनार्दनराय नागर राजस्थान विद्यापीठ विश्वविद्यालय के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित प्रौढ़ शिक्षा संघ के 60 वें राष्ट्रीय अविधेशन के दूसरे दिन राजस्थान विद्यापीठ के प्रतापनगर स्थिति कम्प्यूटर साईंस एण्ड इन्फोरमेशन एण्ड टेक्नोलॉजी के सभागार में भारतीय प्रौढ़ शिक्षा संघ के पदाधिकारियों की आम सभा, तकनीकी सत्र एवं काउन्सलर के चुनाव हुए।
प्रौढ़ शिक्षा संघ के महासचिव कैलाशचन्द्र चौधरी ने बताया कि सुबह 9 बजे संघ के अध्यक्ष प्रो. भवानीशंकर गर्ग की अध्यक्षता में आम सभा हुई जिसमें संघ के पदाधिकारियों ने अपने अपने विचार विचार व्यक्त किए। इस बैठक में संघ की भावी योजनाओं के बारे में विस्तार से चर्चा की गई। संघ के अध्यक्ष प्रो. गर्ग ने महिला शिक्षा पर अधिक जोर देते हुए कहा कि यदि हम एक पुरूष को शिक्षित करते है तो एक व्यक्ति शिक्षित होता है यदि हम एक महिला को शिक्षित करते है तो पूरा परिवार शिक्षित होता है। महिला एक गृहिणी होने के साथ साथ पूरे परिवार को षिक्षित करती है। उसके द्वारा ही परिवार में प्रेम, दया, करूणा, सहयोग, त्याग, स्नेह की भावना उत्पन्न करती है। उन्होंने कहा कि एक आदर्श परिवार की रचना महिला से ही संभव है।
काउंसिल के चुनाव : भारतीय प्रौढ़ शिक्षा संघ के निदेशक एवं निर्वाचन अधिकारी डॉ. वी मोहन कुमार की निगरानी में काउंसिल के चुनाव हुए। उन्होंने बताया कि भारतीय प्रौढ़ शिक्षा संघ के काउंसिल के चुनाव में 20 सामान्य तथा 10 महिला आरक्षित पदों के लिए 35 उम्मीदवारों ने नामांकन पत्र भरे। देश के 18 राज्यों तथा 3 केन्द्र शासित प्रदेशों से आये प्रतिनिधियों ने मताधिकार का उपयोग किया। इसमें 20 पुरुष तथा 10 महिला सदस्य निर्वाचित हुए।
तकनीकी सत्र : सेमीनार के दूसरे दिन डॉ. पी. आदिनारायण रेड्डी – रजिस्ट्रार कुप्पम विश्व विद्यालय की अध्यक्षता में दो तकनीकी सत्रों के चार समानान्तरण सत्रों में ‘‘लाईफ लॉग लर्निंग इन हायर एज्यूकेशन’’ विषयक 75 पत्रों का वाचन किया गया।
तकनीकी सत्र के मुख्य अतिथि राजस्थान विद्यापीठ विश्व विद्यालय के वाइस चांसलर प्रो. एस. एस. सारंगदेवोत ने कहा कि षिक्षा का उद्देश्यी व्यक्तियों को राष्ट्र के हित में कार्य करने तथा राष्ट्रीय सहयोग देने के लिए तैयार करना भी है। उन्होंने कहा प्रौढ़ शिक्षा की अवधारणा प्रौढ़ साक्षरता से मानव निर्माण के रूप में उदित हुई है जिससे न केवल शारीरिक, बौद्धिक, सामाजिक व आर्थिक पहलुओं पर वरन नैतिकता में भी बढो़तरी हुई है।
प्रौढ़ शिक्षा संघ के उपाध्यक्ष प्रो. एम. एस. राणावत, कोषाध्यक्ष डॉ. मदन सिंह ने विचार व्यक्त किए। इस अवसर पर रजिस्ट्रार डॉ. प्रकाश शर्मा, डॉ. हरीश शर्मा, लक्ष्मीनारायण नन्दवाना, डॉ. ललित पाण्डेय, डॉ. सरोज गर्ग इंदिरा राजपुरोहित आदि उपस्थित थे। संचालन कल्पना कौशिक ने किया। धन्यवाद डॉ. मदन सिंह ने दिया।