घायलों को एमबी हॉस्पिटल में भर्ती, कोटड़ी, मोहड़ी में कर्फ्यू बरकरार
उदयपुर। संभाग के प्रतापगढ़ जिले में मंगलवार रात्रि समुदाय विशेष के कुछ युवकों द्वारा आएसएस की शाखा से लौट रहे युवकों को गोली मारकर घायल करने तथा दो युवकों को जान से मारने की घटना से तूल पकड़ लिया है। घटना में अब तक तीन लोगों की मौत हो चुकी है। उधर दलोट में बुधवार को दो शोरूम सहित 12 दुकानें जलाने की भी जानकारी मिली है। प्रतापगढ़ जिले के कोटड़ी, मोहड़ी गांव के बाद जिला मुख्यालय पर भी कर्फ्यू लगा दिया गया है।
इधर, दो युवकों के शव उदयपुर के एमबी अस्पताल की मोर्चरी में रखे हुए हैं। मोर्चरी के बाहर क्षत्रिय महासभा, सकल राजपूत महासभा और हिन्दू संगठनों के दर्जनों पदाधिकारी तथा सैकड़ों कार्यकर्ता मौजूद हैं, जो आरोपियों के खिलाफ कड़ी से कड़ी कार्रवाई करने और मृतकों के परिजनों को 25-25 लाख रुपए मुआवजा दिलाने की मांग पर अड़े हुए हैं।
प्रतापगढ़ जिले के कोटड़ी गांव में आरएसएस के कुछ कार्यकर्ता शाम की शाखा से लौट रहे थे तभी सदर बाजार क्षेत्र में दो पहिया तथा चार पहिया वाहनों से आए युवकों से उनकी कहा-सुनी हो गई। कुछ देर में बात इतनी बढ़ गई कि वाहनों में सवार युवकों ने फायरिंग शुरू कर दी। इससे अफरा-तफरी मच गई। फायरिंग करने वाले मोहेड़ी गांव की ओर भाग निकले तथा वहां भी उन्होंने फायरिंग की। बात बढऩे पर दूसरे पक्ष की ओर से भी फायरिंग की गई। इसमें एक पक्ष के एक युवक की मौत हो गई, जबकि दूसरे पक्ष के नौ लोग गंभीर रूप से घायल हो गए थे। इस घटना में आरएसएस कार्यकर्ता मोहड़ी निवासी भंवरसिंह पुत्र शंभूसिंह, कोटड़ी निवासी दिनेश पुत्र खेमा गायरी की, जबकि दूसरे समुदाय के कोटड़ी निवासी फिरोज पुत्र वाहिद की मौत हो गई थी। फायरिंग में जितेंद्र, देवेंद्र उर्फ राहुल पुत्र चेतनसिंह, रघुराज पुत्र बन्नेसिंह, गमेरसिंह पुत्र उमरावसिंह, भंवरसिंह, राजाराम और भंवरलाल को घायलावस्था में उदयपुर के एमबी चिकित्सालय में भर्ती कराया गया था।
इस घटना के बाद से ही प्रतापगढ़ जिले के कोटड़ी, मोहड़ी गांव में तनाव का माहौल व्याप्त हो गया। कुछ लोगों ने समुदाय विशेष के दर्जनों मकाना में तोडफ़ोड़ करते हुए आग लगा दी थी। कई वाहनों को भी फूंक दिया था। आरएसएस कार्यकर्ताओं पर हमले की जानकारी मिलते ही लोगों में आक्रोश व्याप्त हो गया था। इसके चलते सालमगढ़ तथा अरनोद में भी तनाव का माहौल बन गया था। रात्रि को ही आसपास जिलों से पुलिस जाब्ता मंगाया गया। बेकाबू लोगों को लाठीचार्ज कर खदेड़ा गया। इसके बाद कोटड़ी तथा महोड़ा में कर्फ्यू लगा दिया गया। बुधवार को प्रतापगढ़ में भी कफ्र्यू लगाना पड़ा।
इधर, दो मृतक भंवरसिंह तथा दिनेश गायरी के शव एमबी अस्पताल के मोर्चरी में होने के कारण सुबह से ही वहां क्षत्रिय महासभा के पदाधिकारी व कार्यकर्ता, आरएसएस पदाधिकारी और स्वयंसेवक के साथ-साथ विभिन्न हिन्दू संगठनों के पदाधिकारी एकत्रित हो गए थे। सूचना पर मोर्चरी के बाहर दो अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक और दो अतिरिक्त जिला मजिस्ट्रेट स्तर के अधिकारियों के सहित शहर से भारी जाब्ता तैनात किया गया। विभिन्न संगठनों और आएसएस पदाधिकारियों ने प्रतापगढ़ जिले में हुए घटनाक्रम को लेकर पुलिस व प्रशासन के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। इस दौरान क्षत्रिय महासभा के बीएस कानावत, तेजसिंह बांसी, तनवीरसिंह कृष्णावत, प्रेमसिंह शक्तावत के साथ विभिन्न संगठनों के पदाधिकारी मृतक के परिजनों को 25-25 लाख रुपए के मुआवजा राशि दिलाए जाने, ड्रग माफिया के खिलाफ कार्रवाई, प्रतापगढ़ व चित्तौडग़ढ़ जिले में अवैध हथियार रखने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने तथा हत्या के आरोपियों की गिरफ्तारी शीघ्र करने की मांग पर अड़ गए। कार्रवाई नहीं करने तक उन्होंने शव उठाने से इंकार कर दिया था।
मुआवजा और नौकरी दे सरकार : सकल राजपूत महासभा के संरक्षक तनवीर सिंह कृष्णावत की अध्यक्षता में बुधवार को एक आवश्यक बैठक थाणा हाउस में हुई। इसमें समाज ने सरकार से मृतकों के परिजनों को 10 लाख का मुआवजा और आश्रितों के एक सदस्य को नौकरी देने की मांग की गई। कृष्णावत ने कहा कि आम आदमी की सुरक्षा की जिम्मेदारी सरकार कि है और प्रशासन को लोगों को पूरी सुरक्षा मुहैया करवानी चाहिए। बैठक में कमलेन्द्र सिंह पंवार, भानुप्रताप सिंह, घनश्याम सिंह, प्रद्युम्नए सिंह, रामसिंह, भंवरसिंह सहित समाज के कई पदाधिकारी उपस्थित थे। इससे पूर्व सभी पदाधिकारी महाराणा भूपाल चिकित्सालय पहुंचे और घायलों को सहायता प्रदान की।