शिवदल की शोभायात्रा 26 को
उदयपुर। शिवदल मेवाड़ की ओर से प्रतिवर्ष की भांति इस बार भी महाशिवरात्रि से एक दिन पूर्व शहर में भव्यड शोभायात्रा निकाली जाएगी। इस बार शोभायात्रा की विशेषता 12 ज्योतिर्लिंगों की आकर्षक झांकी रहेगी।
आज यहां पत्रकारों से बातचीत में दल के अध्यभक्ष मनीष मेहता ने बताया कि ज्योयतिर्लिंग ऊंटगाड़ी पर सुसज्जित किए जाएंगे। दोपहर 12.15 बजे टाउनहॉल से निकलने वाली शोभायात्रा बापू बाजार, सूरजपोल, झीनीरेत, घंटाघर, भट्टियानी चोहट्टा, अश्विनी बाजार, देहलीगेट होते हुए वापस टाउनहॉल पहुंचकर धर्मसभा में परिवर्तित हो जाएगी। यहां साधु संतों व विद्वजनों का संबोधन होगा। इसके बाद महाशिवरात्रि की प्रसादी होगी। बारह ज्यो तिर्लिंगों में मल्लिकार्जुन, महाकालेश्वार, गुसृणेश्वतर, ममलेश्ववर, बैजनाथ, केदारनाथ, त्रयम्बशकेश्व,र, विश्वननाथ, नागेश्वकरम, रामेश्वशरम, सोमनाथ आदि शामिल हैं। शोभायात्रा में हाथी, बग्घीै, घोडे़ भी शामिल किए जाएंगे।
दल के संरक्षक घनश्यािमसिंह कृष्णािवत ने बताया कि विश्वग में सबसे पहले अगर कोई देव हैं तो वे देवाधिदेव महादेव हुए हैं। इनके पास सुर-असुर, मानव, जीव-जंतु सभी गए और सभी ने आशीर्वाद प्राप्तम किया। राष्ट्ररभक्ति के लिए हर धर्म से उपर उठकर व्यनक्तिगत योगदान देना चाहिए। शिवदल गत करीब 30 वर्षों से जनजागृति का प्रयास कर रहा है। उसमें योगदान देना चाहिए। जन-जन को इससे जुड़ना चाहिए। उन्होंृने कहा कि मेवाड़ का पर्याय बने, अब तक ऐसी कोई चीज नहीं। भक्ति, शक्ति, त्यारग, हर क्षेत्र में देखें तो हम मेवाड़ को सर्वोपरि पाएंगे। यहां के राजा भी एकलिंगनाथ हैं। जिले सहित विभिन्नय गांव-कस्बोंे से शोभायात्रा में लोग आएंगे। वे केसरिया साफा धारण कर शामिल होंगे।
शिवदल के संरक्षक मनोज मेहता ने बताया कि शिवदल द्वारा गत 30 से अधिक वर्षों से निकाली जा रही शोभायात्रा का उद्देश्य अब फलित होता दिखता है जब शहर के गली-गली में महाशिवरात्रि पर शिव मंदिरों में पूजा अर्चना होती है। युवाओं में जागृति आई है। संस्का-र बनाए रखने के लिए ऐसे आयोजन भी जरूरी हैं।