उदयपुर। राष्ट्रसंत आचार्य चन्द्रानन सागर सुरीश्वर म.सा. ने कहा कि वर्तमान परिप्रेक्ष्य में चारों ओर सत्ता का बोलबाला दिखाई दे रहा है क्योंकि मनुष्य ने सत्ता के लिए मंदिरों एंव संस्थाओं को बांट दिया है। उसने ईश्वर ने हमें धरती पर व्यवस्थाओं के उचित प्रबंधन के लिए लिए भेजा लेकिन इसके विपरीत मनुष्य यहां का मालिक बन बैठा।
वे आज मालदास स्ट्रीट स्थित आराधना भवन में आयोजित धर्मसभा को संबोधित कर रहे थे। उन्होनें कहा कि मेवाड़ की इस पावन माटी में हरीे एंव मोती निपजे वीर शिरोमणि महाराणा प्रताप की वीरता एवं मींरा की सच्ची प्रभु भक्ति इतिहास के पननों पर अंकित है। हमें लोगों का कल्याण एंव प्रभु भक्ति करते हुए निष्काम भाव से कार्य करना चाहिए। कार्यक्रम में गुरूदेव को मेवाड़ की अर्ज करने वाले श्रेष्ठीवर्य पारसमल लोढ़ा, प्रहलाद राय नोलखा एंव हस्तीमल लोढ़ा का अभिनंनदन किया गया।
प्रारम्भ में स्वागत उद्बोधन जैन श्वेताम्बर मूर्ति पूजक संघ के अध्यक्ष डॅा. शैलेन्द्र हिरण ने दिया। कार्यक्रम में समाजसेवी किरणमल सावनसुखा ने भी विचार व्यक्त किये। प्रमोद सूर्या ने आगामी कार्यक्रमों की सूचना दी। कार्यक्रम समन्वयक यशवन्त कोठारी ने बताया कि गुरुदेव संसघ का भव्य सामैया हाथीपोल से प्रारम्भ हुआ जो विभिन्न मार्गों से होता हुआ आराधना भवन में पहुंच धर्मसभा में परिवर्तित हो गया। कार्यक्रम के पश्चात आचार्य चन्द्रा्नन सागर ने सिटी पैलेस पहुंचकर क्रिस्टल गैलरी का अवलोकन किया।