महावीर जयन्ती के नौ दिवसीय समारोह
श्री महावीर युवा मंच संस्थान का प्रतिभावान सम्मान समारोह
उदयपुर। एक समय था जब हर अभिभावक अपने बच्चों को सिर्फ इंजीनियर या डॉक्टर ही बनाना चाहता था। फिर अभी दौर सीए और सीएस का चल रहा है लेकिन साथ ही बेसिक साइंस, कॉमर्स और आट्र्स पर भी आ गया है। भेड़चाल न करें, दूसरों का अनुसरण करने के बजाय अपने बच्चों की काउंसलिंग करें कि उसे किस क्षेत्र में जाने की इच्छा है?
ये विचार सुविवि के कुलपति प्रो. आई. वी. त्रिवेदी ने मुख्य अतिथि के रूप मे व्यक्त किए। वे रविवार को अशोक नगर स्थित विज्ञान समिति भवन में महावीर जयंती के उपलक्ष्य में महावीर जैन परिषद के बैनर तले श्री महावीर युवा मंच संस्थान के तत्वावधान में आयोजित प्रतिभावान सम्मान समारोह को संबोधित कर रहे थे। समारोह में जैन समाज की 71 प्रतिभाओं को विद्याश्री सम्मान से नवाजा गया। प्रो. त्रिवेदी ने कहा कि मेरे अध्ययन समय के दौरान सिर्फ छात्र ही सीए करते थे लेकिन आज सम्मानित होने वालों में छात्राओं की संख्या ज्यादा है। समय बदल गया है। बच्चों में फ्रस्ट्रेशन आ जाता है जिस कारण सुसाइड के केस होते हैं। अभिभावकों को अपनी सोच बदलने की जरूरत है।
अध्यक्षता करते हुए यूसीसीआई के पूर्व अध्यक्ष एवं उद्योगपति के. एस. मोगरा ने कहा कि आज इस सम्मान समारोह के बाद महसूस हो रहा है कि गुरुजनों का काम खत्म हुआ और यहां से हमारा काम शुरू होता है। सीए और सीएस को भी ग्रेज्यूएट के समकक्ष मान लिया गया है। ‘जीतो जयपुर’ से आईएएस और आईपीएस की कोचिंग करने की इच्छा रखने वाले बच्चे संपर्क कर सकते हैं। इसी प्रकार सुविवि के साथ एक एमओयू करना भी प्रस्तावित है जिसके तहत फेकल्टी को हम प्रशिक्षित करेंगे कि किस तरह बच्चों की काउंसलिंग हो और बच्चा अपने भविष्य की सही राह चुन सके। अभिभावकों से आग्रह है कि बच्चों को अकेला छोड़ें। उनके लीडरशिप के गुण विकसित होने दें। बाहर जाना चाहता है तो जाने दें। मोगरा ने यथासंभव हर सहयोग देने का भी आश्वासन दिया। उन्होंने कहा कि संस्थान के संरक्षक फत्तावत 19 वर्षों से यह सम्मान समारोह करते आ रहे हैं। इसलिए अब मुझे राजकुमार कहते हुए कुछ अटपटा लगता है। अब वे राजकुमार से राजा हो गए हैं। मोगरा के आग्रह पर फत्तावत के प्रति सभागार में मौजूद सभी अभिभावकों ने खड़े होकर अपना सम्मान व्यक्त किया।
इससे पूर्व विशिष्ट अतिथि के रूप में जिला प्रमुख मधु मेहता ने कहा कि सम्मानित होने वाली प्रतिभाएं निश्चय ही बधाई की पात्र हैं। अभिभावक बच्चों को ये विश्वास दिलाएं कि वे हर समय उनके साथ हैं। उन पर अपनी इच्छा न थोपें बल्कि उनकी इच्छानुसार उन्हें अपना कैरियर चुनने दें।
विशिष्ट अतिथि गीतांजलि यूनिवर्सिटी के कुलपति राजेन्द्र नाहर ने कहा कि सम्मान करने से बच्चों को तो अच्छा महसूस होता ही है साथ ही ऐसे संस्थान से प्रेरणा भी मिलती है। बच्चों के माध्यम से अभिभावक अपनी पहचान बनाएं और अपना नाम शहर, राज्य और राष्ट्रीय स्तर पर फैलाएं। किसी भी क्षेत्र में प्रतिभा हो, तीन चीजों का हमेशा ध्यान रखें। विषय की जब तक आपको समझ नहीं होगी तब तक आप सिर्फ रट्टा मार सकते हैं लेकिन उसे अपने जेहन में नहीं उतार सकते। इसलिए उसे समझने का प्रयास करें। दूसरी बात आने वाले समय की नब्ज पहचानें। आज से दस वर्ष पहले के अध्यापक और आज के अध्यापक में देख लें। अंतर साफ दिखाई दे जाएगा। आधुनिक तकनीक के साथ सामंजस्य बिठाकर चलें। चाहे बिजनेस में ही हो, अगर नई तकनीकें सीखकर लागू करेंगे तो निश्चय ही प्रगति होगी। तीसरी बात कि खुद को अपडेट रखना जरूरी है। उसके लिए जागरूकता अत्यावश्यक है। अगर अभी अपनी चर्या में नई तकनीक शामिल न कर सकें तो कोई नहीं लेकिन उसके बारे में जानकारी अवश्य रखें।
सम्माननीय अतिथि शिक्षा उपनिदेशक भरत मेहता ने कहा कि आज के इन बच्चों में आश्चर्यजनक रूप से 98 प्रतिशत प्राप्त करने वाले बच्चे तक शामिल हैं जो निश्चय ही न सिर्फ जैन समाज बल्कि पूरे उदयपुर के लिए गौरव की बात है। संस्थान ने सम्मान कर इनका हौसला बढ़ाया है। विभाग के पास भी कई बार ऐसे बच्चे आते हैं जो होनहार हैं लेकिन अभावों के कारण वे पढ़ नहीं पाते जिनकी जिम्मेदारी संस्थान लेता है। संस्थान के पदाधिकारियों के साथ सभी प्रतिभावान बच्चे बधाई के पात्र हैं।
इससे पहले परिषद के संयोजक एवं संस्थान के मुख्य संरक्षक राजकुमार फत्तावत ने कहा कि आज सम्मानित होने वाली प्रतिभाओं को शुभकामनाएं कि वे और उपलब्धियां हासिल करें। अपने साथ अपने परिवार, समाज, शहर और देश का नाम रोशन करें। यहां से सम्मान के बाद जिंदगी में एक बार अवश्य सोचें कि सामाजिक मंच पर आपको सम्मानित होने का मौका मिला है। उसके बदले में आप समाज के लिए क्या कर रहे हैं। इससे पूर्व अतिथियों का स्वागत संस्थान के अध्यक्ष लोकेश कोठारी, दीपक सिंघवी, मनीष गलुण्डिया, श्याम नागौरी, संजय खाब्या, चंद्रप्रकाश चोरडिया आदि ने किया। अतिथियों का शब्दों से स्वागत संस्थान अध्यक्ष लोकेश कोठारी ने किया।
कार्यक्रम से पूर्व गणपति, मां सरस्वती एवं भगवान महावीर के चित्र के समक्ष अतिथियों ने दीप प्रज्वलन किया। मंगलाचरण संस्थान की महिला प्रकोष्ठ की पदाधिकारियों ने किया। सम्मान स्वरूप विद्यार्थियों को श्रीफल, स्मृति चिह्न एवं उपरणा ओढ़ाकर विद्याश्री के सम्मान से नवाजा गया। कार्यक्रम का सफल संचालन महेन्द्र तलेसरा ने किया। आभार संस्थान के महामंत्री चन्द्रशेखर चित्तौड़ा ने व्यक्त किया।
सीनियर सैकंडरी में 90 प्रतिशत से अधिक प्राप्तांक वाली प्रतिभाओं भव्य खमेसरा, विभोर बोरदिया, वैभव बोरदिया, वैशाली जैन, नंदित जैन, मुदित डांगी, आयुष सिंघवी, राहुल ओस्तवाल, लक्षित जैन, निमिशा जैन, अभय कोठारी, अंशु कटारिया, प्राची कटारिया, आकांक्षा सुराणा, भाविक कोठारी, अंसिमा भाणावत, उत्कर्ष दोषी, मोनिल मेहता, मिथिला कोठारी एवं सुरभि फान्दोत को जिला प्रमुख मधु मेहता, शिक्षा उपनिदेशक भरत मेहता, संस्थान के मुख्य संरक्षक राजकुमार फत्तावत एवं अध्यक्ष लोकेश कोठारी ने सम्मानित किया।
सीए और सीएस में अपना उल्लेखनीय स्थान बनाने वाली प्रतिभाओं निखिल कंठालिया, निखिल मेहता, राहुल तलेसरा, नमित जैन, अर्पित राजावत, अर्पिता भाणावत, भाग्यश्री जैन, दीपिका पामेचा, धीरज सिसोदिया, तेजल चोपड़ा, दीपिका चौधरी, खुशबू जैन, मनन कावडिय़ा, राहुल बापना, गुंजन जैन, हिना फत्तावत, परितोष कोठारी, प्रिया शाह एवं सृष्टि मेहता को गीतांजलि यूनिवर्सिटी के कुलपति राजेन्द्र नाहर एवं सुविवि कुलपति प्रो. आई. वी. त्रिवेदी ने सम्मानित किया।
इनके अलावा बीटेक, एमफिल आदि में गोल्ड मैडल प्राप्त करने वाली प्रतिभाओं रिचा जैन, बिन्दू कोठारी, ममता जैन, प्रिया जैन, जया कोठारी, अजय पोरवाल, पुलकित जैन, निहार जैन, आरुषी जैन, आशीष जैन, हिना जैन, सोनम जैन, मयंक ओस्तवाल, प्रतीक करणपुरिया, दिव्या करणपुरिया, हार्दिक मेहता, प्रियंक जैन, अर्पिता सेठ, ज्योत्सना जैन, निधि रांका, चिराग धूपिया, स्नेहलता कोठारी, प्रियंका जैन, परिधि चण्डालिया, सुनील जैन, डॉ. प्रियंका जैन, सुमित छाजेड़, ध्रुव गेलड़ा, दीपांशु शाह, आयुषी बोल्या, इन्द्रा भंडारी एवं कार्तिक जैन को प्रो. त्रिवेदी एवं श्री मोगरा ने सम्मानित किया।
सेवा प्रकल्प : परिषद के कोषाध्यक्ष कुलदीप नाहर ने बताया कि परिषद की ओर से 7 अप्रेल को महाराणा भूपाल चिकित्सालय में रोगी एवं तीमारदारों को फल एवं बिस्किट वितरण किए जाएंगे। इस व्यवस्था का दायित्व बापूबाजार जैन व्यवसाय संघ को सौंपा गया है।