भ्रूण हत्या पर रोक की एक पहल
उदयपुर। एक के बाद एक सेवा कार्य करने के बाद अब शहर में कन्या भ्रूण हत्या पर कड़ी रोकथाम के लिए महेशाश्रम के संस्थापक देवेन्द्रं अग्रवाल जीवनी आश्रय धाम लेकर आए हैं। जन्म से पहले गर्भस्थ शिशु की हत्याओं को रोकने के प्रयासों के तहत यह धाम काम करेगा।
अग्रवाल ने पत्रकार वार्ता में बताया कि मॉ भगवती विकास संस्थान द्वारा स्थापित महेशाश्रम जन्म के तुरन्त बाद नवजात की रक्षा के लिए अथक प्रयास कर रहा है लेकिन जन्म से पहले गर्भस्थ शिशु (विशेष रूप से कन्याएं) की निरन्तर बढ़ती हत्याओं को रोकने के लिए विशेष प्रयासों के तहत जीवनी आश्रय धाम की संकल्पना की गई है।
उन्होंने कहा कि संविधान में प्रदत्तै मूल अधिकारों में शामिल ’जीवन का अधिकार’ भ्रूण को भी है। मां भगवती विकास संस्थान द्वारा स्थापित जीवनी आश्रय धाम अजन्मे के अधिकारों की रक्षा करने के उद्धेश्य से संचालित होगा जहां वे प्रसूताएं अपने बच्चेर को जन्म दे सकेंगी जिन पर किसी भी रूप में बच्चेा को जन्मं नहीं देने का पारिवारिक दबाव हो। दुष्कर्म का शिकार, विश्वासघात या भूलवश यह गलती हो चुकी हो। यानी किसी भी स्थिति में महिला बच्चे को जन्म देना चाहती हो और सामाजिक, पारिवारिक या किसी भी कारण से उस पर दबाव हो, उसके लिए आश्रय धाम उसे हर संभव सुविधा उपलब्ध कराएगा। ये सुविधाएं प्रसव से पूर्व और प्रसव के बाद तक भी उपलब्ध कराई जाएगी। उन्होंने कहा कि हमारा प्रयास अजन्मे शिशु की रक्षा करना है।