उदयपुर। मनरेगा योजना में अब जिले भर में पानी की उपलब्ध ता के लिए काम होगा। जिला कलक्टरर के निर्देश पर सिंचाई विभाग एवं पंचायतीराज विभाग ने जिले के सवा सौ से अधिक तालाबों का चयन किया है जिनकी सुध लेकर पानी की उपलब्धवता बनाए रखने के लिए डेढ़ लाख मनरेगा श्रमिक काम करेंगे।
जिला कलक्टार आशुतोष एटी पेंडणेकर ने बताया कि जिले में ऐसे काम नहीं होंगे, जो मात्र दिखावे के लिए होते है और किसी के काम नहीं आते है। जिले में तेज गर्मी में पानी की एकाएक मारा-मारी और कमी होता देखकर सिंचाई विभाग और पंचायती राज विभाग को जिले के सभी छोटे-बड़े जलाशयों की सूची बनाने के निर्देश दिए गए थे, ताकि इन जलाशयों पर मनरेगा में काम किया जा सके। अब तक मनरेगा में ऐसे-ऐसे काम होते थे जो मात्र दिखावे के लिए थे और ज्यादातर लोगों के लिए अनुपयोगी थे। पेडणेकर ने बताया कि दोनों विभागों ने जिले भर में सवा सौ से अधिक जलाशयों की सूची बनाई है। प्रत्येक जलाशय पर होने वाले काम भी तय कर लिए गए हैं।
कौनसे होंगे काम
जिला कलेक्टर ने बताया कि जलाशयों या तालाबों पर उनकी पाल को सुधारना, आवश्यकता पडऩे पर जलाशयों को गहरा करवाने के साथ-साथ जलाशयों की भराव क्षमता को बढ़ाने का काम करवाया जाएगा ताकि बारिश में इन जलाशयों में भरपूर पानी आए और जो गर्मी में जिले के लोगों के लिए काम आ सके।
बनाई जाएंगी नहरें भी
आवश्यकता पडऩे पर पास-पास के दो तालाबों को जोडऩे के लिए छोटी-छोटी नहरें भी बनाई जा सकती है ताकि जिस तालाब में ज्यादा पानी आए और ओवरफ्लो होतो उस पानी को पास के जलाशय में नहर के माध्यम से पहुंचाया जा सके।
कुएं भी होंगे गहरे
जिला कलेक्टर ने बताया कि जिले में सैंकड़ों कुएं है। यह काम निपटने के बाद सभी कुओं को गहरा करने का काम भी युद्ध स्तर पर करवाया जाएगा, ताकि कुओं में भी पानी उपलब्धता बनी रहे।
आईडब्ल्यूएमपी का बनेगा नया प्लान
जिला कलेक्टर आशुतोष ए.टी. पेडणेकर ने बताया कि आईडब्ल्यूएमपी योजना का नया प्लान बनाने के लिए निर्देश दिया है। आईडब्ल्यूएमपी में अब तक ऐसे काम होते थे, जो दिखाई नहीं देते थे और कुछ ही समय में इन कामों की उपलब्धता समाप्त हो जाती थी। अब ऐसे काम करवाए जाएंगे जो लम्बे समय तक चलते रहे। जैसे चरागाहों की बाउण्ड्री वॉल बनाना, एनिकट का निर्माण करवाना प्रमुख काम है।