हुए विविध आयोजन
उदयपुर। वीर शिरोमणि महाराणा प्रताप की 474 वीं जयंती पर शनिवार को विविध आयोजन होंगे। मोती मगरी पर तीन दिन निशुल्कम प्रवेश रहेगा वहीं पूर्व संध्या पर शहर में वाहन रैली निकाली गई।
महाराणा प्रताप स्मारक समिति, मोतीमगरी द्वारा पर्यटकों के लिए तीन दिन के लिए निशुल्क प्रवेश दिया जाएगा। समिति द्वारा आयोजित कार्यक्रमों में पर्यटक एवं प्रताप भक्त भाग ले सकेंगे। इस तीन दिवसीय समारोह के दौरान मोतीमगरी में किसी भी प्रकार के वाहनों का प्रवेश निषेध रहेगा। साथ ही वहां आने वाले पर्यटकों के लिए प्लास्टिक एवं तंबाकू से संबंधित किसी भी प्रकार की वस्तु निषेध रहेगी।
झाला मान को नमन
नगर निगम तथा मेवाड़ क्षत्रिय महासभा के तत्वालवधान में लायंस क्लब महाराणा के कार्यकर्ताओं ने प्रातः सिट्टी रेलवे स्टेशन आने वाले पयर्टक के भाल पर हल्दीघाटी की बलिदानी माट्टी से तिलक किया। इस दौरान चेतन चौधरी, अरविन्द लाठी, राजेश शर्मा, राजीव भारद्वाज, अशोक जैन, डॉ, राजेन्द्रसिंह जगत, प्रेमसिंह शक्तावत, दिलीपसिंह बांसी, नरेन्द्र सिंह, कमलेन्द्र सिंह पंवार, घनश्याडमसिंह भीण्डर सहित अन्य कार्यकर्ता उपस्थित थे।
पहल संस्थान की ओर से आज प्रातः मोती मंगरी स्मारक प्रताप के प्रमुख सहयोगी झाला मान की प्रतिमा पूजन एवं नमन कर पुष्पाजंली अर्पित की गयी। संस्थापक ज्योत्स ना झाला ने संबोधित किया। इस अवसर पर सचिव शिवसिंह सोलंकी, डॉ. ललित भण्डारी, इस्माइल अली बोहरा, चन्द्रगुप्त सिंह चौहान, डॉ. राजेन्द्रसिंह जगत, दिलीपसिंह बांसी, तथा अमेरिका से एसएसजी ग्रुप के कार्यकर्ताओं ने उनको नमन किया।
’16 वीं शताब्दी के संदर्भ में मेवाड़’ विषयक आयोजित संगोष्ठी में मुख्य अतिथि प्रो. एस. एस. सारंगदेवोत, वाइस चांसलर जनार्दन राय नागर राजस्थान विद्यापीठ (डीम्ड) विश्वविद्यालय अध्यक्ष, डॉ. राजशेखर व्यास, पूर्व जिला शिक्षा अधिकारी एवं मुख्य वक्ता, प्रो. के. एस. गुप्ता, प्रसिद्ध इतिहासवेत्ता व पूर्व अधिष्ठाता कला महाविद्यालय मोहनलाल सुखाडिया विश्वविद्यालय, उदयपुर थे।
प्रो. दुआ का महाराणा प्रताप स्मृति व्याख्यान
महाराणा प्रताप कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के छात्र कल्याण निदेशालय द्वारा वीर शिरोमणि महाराणा प्रताप की 474वीं जयंती के उपलक्ष्य में 30 मई को राजस्थान कृषि महाविद्यालय के नवसभागार में सुबह 11.30 व्याख्यान आयोजित किया गया।
पंजाब विश्वविद्यालय, चण्डीगढ़ के आधुनिक जीव विज्ञान के ख्याति प्राप्त जीव वैज्ञानिक प्रोफेसर इन्द्रजीत सिंह दुआ ने ’’आधुनिक जीव विज्ञान का मानव जीवन में योगदान’’ विषय पर सारगर्भित व्याख्यान दिया। प्रोफेसर दुआ ने वैदिक व महाभारत काल से लेकर विज्ञान के आध्ुनिक युग तक अनेक उदाहरण दे कर बताया कि किस प्रकार विज्ञान ने जीवन के अनेक अनसुलझे पहलुओं को सलझाया है। उन्होंने कहा कि मनुष्य की आधुनिक जीवन शैली, चिकित्सा, कृषि, सूचना व तकनीकी के क्षेत्र मे आज जो भी उन्नति हुई है वो विज्ञान की ही देन है। प्रो. दुआ ने अल्फ्रेड़ नोब़ल का उदाहरण देते हुए कहा कि विज्ञान का उद्देश्यव विश्व् को बदलना नहीं अपितु इसका सदुपयोग करते हुऐ जन कल्याण के लिये होना चाहिए।
अध्यक्षता करते हुऐ विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर ओ.पी.गिल ने कहा कि वीर शिरोमणी व प्रातः स्मरणीय महाराणा प्रताप का व्यक्तित्व व कृतिव हमारे लिए सदा प्रेरणास्पद रहा है। उन्होंने कहा कि महाराणा प्रताप को देष व व्यक्ति के आत्म सम्मान, देश प्रेम, स्वतंत्रता व वीरता के लिये जाना जाता है। देश के युवाओं को उनसे प्रेरणा लेने की आवश्यहकता है।