न्यायालय ने जिला कलक्टर, एसपी, निगम कमिश्नर और यूआईटी को किया तलब
उदयपुर। ठेला व्यवसायी एकता यूनियन की ओर से ’पथ विक्रेता (आजीविका संरक्षण एवं पथ विक्रय का विनियमन) अधिनियम, 2014‘ की पालना कराने एवं सर्वोच्च न्यायालय द्वारा ठेला व्यवसायियों के पुनर्वास एवं संरक्षण के लिए 9 सितम्बर 2013 को जारी आदेश की पालना कराने के लिए एक वाद प्रस्तुत किया गया है। इस पर न्यायालय ने जिला कलक्टर, पुलिस अधीक्षक, आयुक्त नगर निगम एवं सचिव नगर विकास प्रन्यास को 6 जून को को न्यायालय में उपस्थित होकर जवाब देने का आदेश दिया है।
सिंघवी ने बताया कि ’’पथ विक्रेता (आजीविका संरक्षण एवं पथ विक्रय का विनियमन) अधिनियम, 2014‘‘ की पालना कराने एवं सर्वोच्च न्यायालय द्वारा ठेला व्यवसायियों के पुनर्वास एवं संरक्षण के लिए 9 सितम्बर 2013 को जारी आदेश के बावजूद भी जिला प्रशासन एवं नगर निगम उदयपुर द्वारा ठेला व्यवसायियों के साथ गाली गलौज कर मारपीट करने, उन्हें जबरन बेदखल करने, उनका सामान अवैध रूप से जब्त करने की कार्यवाहियां लगातार जारी है, जिसका समय समय पर यूनियन ने विरोध कर जिला प्रशासन एवं नगर निगम को ऐसी अवैध कार्यवाही रोकने के लिए ज्ञापन भी दिये हैं, लेकिन उन्होंने अपनी अवैध कार्यवाहियों को बंद नहीं किया, इसलिए उन्हें न्यायालय में वाद प्रस्तुत करने के लिए मजबूर होना पड़ा।
सिंघवी ने बताया कि प्रस्तुत किये गये वाद में ’’पथ विक्रेता (आजीविका संरक्षण एवं पथ विक्रय का विनियमन) अधिनियम, 2014‘‘ की पालना करने एवं सर्वोच्च न्यायालय द्वारा ठेला व्यवसायियों के पुनर्वास एवं संरक्षण के लिए 9 सितम्बर 2013 को जारी आदेश अनुसार टाउन वेंडिंग कमेटी का गठन कर वेंडर्स का सर्वे करने, ठेला व्यवसायियों के लिए वेंडिंग जोन निर्धारित करने और उन्हें लाइसेंस प्रदान कर सुरक्षा देने तथा ठेला व्यवसायियों को लाइसेंस प्रदान करने तक ठेला व्यवसायियों को उनके व्यवसाय स्थल से बेदखल नहीं करने, गाली गलौज एवं मारपीट नहीं करने, सामान जब्त नहीं करने एवं अवैध रूप से चालान नहीं बनाने का आग्रह किया गया है।