महिलाओं के अधिकार, कानून, सशक्तिकरण पर संगोष्ठी
उदयपुर। बदलते परिवेश में महिलाओं को अपने अधिकार एवं कानून को भली भांति समझकर समाज एवं राष्ट्र में आगे आना होगा तथा अधिकारों का पूर्ण रूप से प्रयोग महिला तभी कर सकेगी जब वह पूर्ण रूप से शिक्षित होगी।
ये विचार जनार्दन राय नागर राजस्थान विद्यापीठ विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. एस. एस. सारंगदेवोत ने शनिवार को नाई गांव स्थित विद्यापीठ के अरण्य जन भारती केन्द्र पर महिला अध्ययन विभाग तथा श्रम एवं रोजगार मंत्रालय द्वारा आयोजित महिलाओं के अधिकार एवं कानून, स्वास्थ्य पर आयोजित संगोष्ठी में व्यक्त किए।
प्रभारी कौशल नागदा ने बताया कि अध्यक्षता कुलप्रमुख भंवरलाल गुर्जर ने करते हुए कहा कि भारतीय समाज में आदिवासियों की जनसंख्या 8 प्रतिशत है और ये विभन्न समस्याओं से ग्रस्त है। इसकी वजह से इनका समुचित विकास नहीं हो पाया क्योंकि जनजाति क्षेत्रों के लोगों की संस्कृति बिल्कुल अलग है। ये रीति-रिवाज को अधिक प्रोत्साहन देते हैं और अपनी परम्पराओं मे ही रहना चाहते हैं। शिक्षित महिला परिवार की धुरी होती है। महिला स्वयं व शिशु के स्वास्थ्य की सम्पूर्ण देखरेख कर सकती है। स्वागत उद्बोधन महिला अध्ययन विभाग की निदेशक डॉ. मंजू माण्डोत ने दिया। इस अवसर पर नाई उपसरपंच रमेश आमेटा, डॉ. हेमशंकर दाधीच, डॉ. एस. एल. शर्मा, डॉ. प्रियंका कोठारी, कौशल नागदा, डॉ. धर्मेन्द्र राजोरा, भगवती लाल सोनी ने भी विचार व्यक्त किए। धन्यवाद चितरंजन नागदा ने दिया।