स्कूलों में छुट्टियां कर पहुंचे कलक्ट्रेट
उदयपुर। फीस निर्धारण समिति के निर्णय से आक्रोशित निजी शिक्षण संस्थाओं के संचालकों ने गुरुवार को कलक्ट्रेट पर अध्यापकों व स्टाफ के जरिये विरोध प्रदर्शन किया। हास्यास्पद बात यह कि कलेक्ट्रेट पर निजी शिक्षण संस्थाओं के कुछेक संचालकों को छोड़कर कोई नहीं आया। स्टाफ मेम्बर अधिक नजर आए।
स्कूल में छुट्टी कर अध्यापक-अध्यापिकाएं और अन्य कार्यालय स्टाफ ने कलक्ट्रेट के पास जिला परिषद के बाहर स्थित आम के पेड़ की छांव में खड़े होकर प्रदर्शन किया। सभा में प्राइवेट स्कूल डायरेक्टर्स एंड मैनेजमेंट एसोसिएशन के अध्यक्ष जितेश श्रीमाली ने सरकार को संविधान विरोधी अधिनियम पारित करने का दोषी बताते हुए कहा कि विद्यालय विधेयक 2013 की राष्ट्रपति से स्वीकृति लेना आवश्यक है। राष्ट्रपति की स्वीकृति के अभाव में यह विधेयक संविधान विरुद्ध है। श्रीमाली ने जस्टिस शिव कुमार शर्मा की कार्यप्रणाली पर असंतोष व्यक्त करते हुए कमेटी के कार्यालय को भ्रष्टाचार का अड्डा बताया।
सभा को उपेन्द्र रावल, विलियम डिसूजा, सत्यप्रकाश मूंदड़ा आदि ने भी संबोधित किया। प्रदर्शन के बाद इन्होंने अतिरिक्त जिला कलेक्टर को ज्ञापन दिया। इसमें फीस निर्धारण समिति के अध्यक्ष जस्टिस शिवकुमार शर्मा पर नादिरशाही निर्णय करने का आरोप लगाते हुए शिक्षा नीतियों को ही गलत बताया। ज्ञापन में फीस निर्धारण समिति को ही भंग करने की मांग की गई। आरटीई का पैसा शिक्षण संस्थाओं को देने, ईएसआई समाप्त करने, गैर सरकारी संस्थाओं को शिक्षा बजट का 20 प्रतिशत आर्थिक सहयोग देने की मांग की गई। इन्होंने आवश्यकता पडऩे पर 8 अगस्त से अनिश्चितकालीन बंद की चेतावनी दी गई।