गीतांजलि मेडिकल कॉलेज का जागरूकता अभियान
उदयपुर। गीतांजली मेडिकल कॉलेज एण्ड हॉस्पिटल, उदयपुर के कैंसर विभाग के नेतृत्व में कैंसर रोग के प्रति जागरूकता लाने के उद्देश्य से कैंसर ओलम्पियाड 2014 का आयोजन 13 अक्टूबर से 17 अक्टूबर तक इन्ट्रा व इन्टर स्कूल में होगा।
गीतांजली मेडिकल कॉलेज एण्ड हॉस्पिटल, के रेडियेशन ओन्कोलॉजिस्ट डॉ. शंकर वी ने गुरूवार को पत्रकारों से बात करते हुए बताया कि ओलम्पियाड में विभिन्न प्रकार की प्रतियोगिताएं होंगी जिसमें इन्टर स्कूल व इन्ट्रा स्कूल के बच्चे भाग लेंगे। विद्यालयों में कैंसर ओलम्पियाड आयोजित करने का मुख्य उद्देश्य बच्चों के माध्यम से अभिभावकों एवं जनसमूह को कैंसर रोग व इसकी रोकथाम के प्रति जागरूक करना है। डॉ. शंकर ने बताया कि सामाजिक पहल कर कैंसर रोग के बारे में जागरूकता अभियान सर्वप्रथम बच्चों से प्रारम्भ किया जाएगा और इसमें विभिन्न प्रतियोगिताएं कैंसर थीम पर आधारित होगी जैसे स्टॉप द क्रेब- कलर कॉम्पिटिशन, पोस्टर मैकिंग, डांस- ड्रामा, स्कीट, एड मेड शो, बैंड एंथिम, क्वीज कॉम्पिटशिन व आउटडोर प्रतियोगिता “रन फॉर फाइट अगेन्ट्मा कैंसर“ होगी। प्रतियोगिता में जीतने वाले विजेताओं को अवार्ड देकर सम्मानित किया जाएगा।
पत्रकार वार्ता में कॉलेज एंड हॉस्पी टल के निदेशक अंकित अग्रवाल ने कहा कि कैंसर के प्रति जागरूकता लाने के लिए यह कार्यक्रम किया जा रहा है। शुरूआत छोटी है लेकिन यहां से सफलता मिलने के बाद इसे देश भर तक ले जाया जाएगा।
हिमेटो आन्कोलॉजिस्ट डॉ. हरिथा सी. ने बताया कैंसर को नियंत्रित करने के लिए सबसे महत्वपूर्ण है जन समूह में जागरूकता फैलाना। उन्होंने बताया कि इस कैंसर ओलम्पियाड के माध्यम से जनसमूह को जानकारी प्राप्त होगी कि हम अपने जीवन में कैंसर के खतरे से बचने के लिए किस तरह सरल कदम उठा सकते है। इसके साथ ही उन्होंने जीवनशैली में कैंसर के खतरों को बढ़ाने में तम्बाकू सेवन जैसे कार्सिनोजन से होने वाले कैंसर व तीन मुख्य तत्व भोजन, वजन, व शारीरिक गतिविधियों के बारे में जानकारी दी कि किस तरह से ये जीवन शैली को प्रभावित करते है।
सर्जिकल ओन्कोलॉजिस्ट डॉ. दास ने लोगों को कैंसर के खिलाफ लडने हेतु प्रोत्साहित करके एवं सार्वजनिक जागरूकता कार्यक्रम के माध्यम से कैंसर जैसे जानलेवा बीमारी से किस प्रकार बचा जा सकता है की जानकारी प्रदान की। कैंसर के खिलाफ जीवन में भविष्य को सुरक्षित करने के लिए हमारी अगली पीढ़ी को किस तरह से शिक्षित किया जाए एवं कैंसर रोग के प्रारंभिक लक्षणों की पहचान और उसके बढ़ते स्तर को समय पर किये गये प्रयासों से रोकने के उपायों पर ध्यान केंद्रित किया गया। इसलिए हमने योजनाओं की रूपरेखा तैयार की है जिसके माध्यम से विभिन्न वर्ग समूह के युवाओं को शिक्षित किया जाएगा व कैंसर की समझ को विकसित करने के लिए जागरूकता अभियान चलाया जाएगा।