असत्य पर सत्य की विजय का प्रतीक विजयादशमी पर्व मना धूमधाम से
उदयपुर। असत्य पर सत्य की जीत के प्रतीक रावण परिवार के पुतलों का आतिशी दहन विजयादशमी पर शुक्रवार शाम भंडारी दर्शक मंडप में हुआ। सबसे पहले कुंभकर्ण के पुतले में तीर से आग लगी। फिर मेघनाद और अंत में रावण का पुतला दहन हुआ।
रावण के पुतले में पहले नाभि से चिंगारियां निकली और फिर मुंह से आग निकली। इन सबसे पूर्व हनुमानजी ने रावण की लंका में आग लगाई। दोपहर बाद शक्तिनगर स्थित सनातन मंदिर से बिलोचिस्तान पंचायत के तत्वावधान में सनातन धर्म सेवा समिति की ओर से शोभायात्रा निकाली गई। आतिशी दहन के लिए रावण, मेघनाद और कुंभकरण के पुतलों को कड़ी मशक्कत के बाद कल देर रात खड़ा किया गया। दो दिन पूर्व बारिश आने के कारण पुतले गीले हो गए थे हालांकि उन्हें तरपाल से ढका भी गया था।
शोभायात्रा शहर के मुख्यत मार्गों से होती हुई शाम को महाराणा भूपाल स्टेडियम पहुंची जहां पश्चिम क्षेत्र सांस्कृतिक केन्द्र के कलाकारों द्वारा रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किए। फिर निरंजनी अखाड़ा बालाजी मंदिर के महंत सुरेश गिरी ने राम, लक्ष्मपण, हनुमान की पूजा-अर्चना की। इस अवसर पर ग्रामीण विकास एवं पंचायतीराज मंत्री गुलाबचंद कटारिया, पूर्व केन्द्रीपय मंत्री डॉ. गिरिजा व्या स सहित कई जनप्रतिनिधि व आमजनता मौजूद थी। 7.10 पर हनुमानजी ने लंका दहन किया। इससे पूर्व नयनाभिराम आतिशबाजी की गई। लंका दहन के बाद रावण परिवार का आतिशी दहन हुआ।