दो दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी का समापन
उदयपुर। राजसमन्द विधायक किरण माहेश्वरी ने कहा कि वर्तमान परिपे्रक्ष्य में छात्र अपने मार्ग से भटक रहे है और ऐसे में शिक्षक ही एक ऐसे पथ प्रदर्शक के रूप में अपनी भूमिका निभा कर छात्रों को न केवल सही राह पर ला सकते है वरन् छात्रों में राष्ट्र की भावना का विकास कर सकते है।
वे आज आईसीसीएसआर नई दिल्ली द्वारा प्रायोजित एवं कृष्णा महिला टीटी कॉलेज सीसारमा एवं सुविवि के तत्वावधान में आयोजित शिक्षक शिक्षा के द्वारा राष्ट्रीय एवं सामाजिक विकास विषयक दो दिवसीय सेमीनार के समापन समारोह मे बतौर मुख्य अतिथि के पद से व्यक्त बोल रही थी। उन्होंने कहा कि हम अधिकारों के प्रति तो हमेशा सजग है लेकिन अपने कर्तव्यों के निर्वहन की जब बात आती है तो आंखे मूद लेते हैं। वर्तमान में शिक्षकों का यह दायित्व है कि वे छात्रों को कर्तव्य निर्वहन के प्रति जागरूक कर समाज को दिशा-निर्देश प्रदान करें। किसी भी स्तर का शिक्षक हो उन्हे यह प्रयास करना चाहिए कि वह छात्रों में राष्ट्रीय भावना का असीम विकास करें ताकि वह सामाजिक, आर्थिक व राष्ट्रीय विकास में महत्वपूर्ण योगदान दे सकें।
अध्यक्षता करते हुए राजस्थान विद्यापीठ डीम्ड विवि के कुलपति प्रो. एसएस सारंगदेवोत ने कहा कि सेमिनार का विषय काफी सारगर्भित होकर वर्तमान परिपेक्ष्य की आवश्यकता के अनुरूप है जिस पर हमे मंथन करना होगा। हमारे राष्ट्र की प्रमुख सम्पदा हमारा समाज, हमारे लोग है। शिक्षकों का दायित्व है की युवा पीढी को शिक्षा व संस्कृति के माध्यम से व नैतिक मूल्यो पर खरा उतरने की सीख देते हुए राष्ट्र निर्माण में योगदान देने के लिए प्रेरित करे। उन्होंने कहा कि शिक्षकों का कर्तव्य है कि देश में शिक्षा द्वारा बच्चों में मूल्य आधारित सिस्टम एवं मानवीय पूूंजी को बढ़ाये। उन्होंने कहा कि उक्त दो दिवसीय सेमीनार में हुई चर्चा के मुख्य बिन्दुओं को सरकार के साथ ही अन्य यूनिवर्सिटी को भी भिजवायें जिससे की इस सेमिनार की सफलता प्रदर्शित हो।
समारोह में विशिष्ठ अतिथि भू-विज्ञान विभागाध्यक्ष मो.सु.वि. के प्रो. विनोद अग्रवाल ने अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि प्रत्येक महाविद्यालय को यह प्रयास करने चाहिए कि शैक्षिक वातावरण के निर्माण हेतु इस तरह की सेमिनार के साथ ही रीफ्रेश कोर्स, कार्यशाला, ओरिएन्टेड कोर्स का आयोजन करें।
कृष्णा महिला टी.टी. कॉलेज के प्रचार्य डॉ.अश्विन कुमार गौड़ ने दो दिवसीय सेमिनार पर प्रकाश डालते हुए कहा कि सेमानार मे देश की 9 युनिवर्सिटी के करीब 100 प्रतिभागियों एवं कई विशेषज्ञों ने भाग लिया। साथ ही सेमिनार में शिक्षक शिक्षा के द्वारा राष्ट्रीय एवं सामाजिक विकास, सामाजिक व आर्थिक विकास मे शिक्षक का महत्व, शिक्षा विधि द्वारा नैतिक प्रगति, शिक्षा विधि द्वारा सांस्कृतिक उत्थान विषयो पर चार तकनीकी सत्रो का आयोजन हुआ जिसमे 65 शोधपत्रों का वाचन हुआ। समापन समारोह के अवसर पर विभिन्न वि.वि. से आये प्रतिभागियों, अतिथियों एवं कृष्णा महिला टी.टी. के टीम सदस्यों को स्मृति चिन्ह व प्रशस्ति पत्र भेंट किये गये।