उदयपुर। उदयपुर की नाट्य संस्था ‘नाट्यांश सोसायटी ऑफ ड्रामेटिक एण्ड परफोर्मिंग आर्ट्स’ के कलाकारों ने दो दिनी कार्यक्रम के तहत रविवार को शहर में अलग-अलग जगह नुक्कड़ नाटक ‘पड़ाव’ का मंचन किया। इससे पूर्व शनिवार को पिछोला की पाल पर किया गया था।
यह नाटक हमारे देश में बुजुर्गों के साथ हो रहे अनुचित व्यवहार और उनके अकेलेपन पर आधारित है। साथ ही इस नाटक में बुजुर्गों को उनके बच्चों द्वारा वृद्धाश्रम भेजने के मुद्धे पर भी प्रकाश डाला गया।
बुजुर्ग हमारी समस्या नहीं बल्कि कई समस्याओं का समाधान होते हैं। हमें उनसे सिर्फ बात ही तो करनी होती है। उनका ध्यान रखना होता है। बुजुर्ग हम पर बोझ नहीं बल्कि वो हमारे साथ रहकर कई बोझ हल्का कर देते हैं। इन्हींज सब बातों को नाटक में दर्शाया गया। नाट्यांश के इस नाटक में अश्फाक नूर खान, अमित नागर, अमित श्रीमाली, रेखा सिसोदिया, तरूण जोशी और यथार्थ गोस्वामी ने अभिनय किया। साथ ही आयुष माहेश्वरी, चेतन मेनारिया और श्लोशक पिम्पलकर ने भी सहयोग किया। नाटक का लेखन एवं निर्देशन मोहम्मद रिजवान मन्सुरी ने किया।
नाटक का सारांश : यह नाटक की कहानी एक मध्यमवर्गीय परिवार के इर्द-गिर्द घूमती है। एक बुजुर्ग दंपती बच्चे के लिए हमेशा चिंतित रहता है और लड़का उनके इस प्यार और देखभाल को बंदिश समझता है। इसी के चलते वो बुजुर्गों को घर से निकाल देता है। बाद में उसे गलती का एहसास होता है और वो बुजुर्ग दंपती को ढूंढने जाता है और उनसे माफी मांग कर घर चलने का आग्रह करता है। स्वाभिमानी माता-पिता उसके साथ वापस घर जाने से मना कर देते हैं।