मास खमण तप अभिनन्दन समारोह
उदयपुर। जैन श्वेताम्बर तेरापंथी सभा की ओर से सुशीला देवी वर्डिया की मास खमण की तपस्या पर साध्वी कनकश्रीजी के सानिध्य में अभिनन्दन समारोह हुआ। साध्वी कनकश्री जी ने कहा कि जैन शासन में मोक्ष साधना के चार उपाय ज्ञान, चरित्र, दर्शन और तप बताए गए हैं।
इसमें तप का अपना अलग ही महत्व है क्योंकि तपस्या के द्वारा कर्मों की निर्जरा के साथ- साथ शासन की प्रभावना भी होती है। तेरापंथी सभा के अध्यक्ष राजकुमार फत्तावत ने सम्पूर्ण श्रावक समाज की ओर से तप की अनुमोदना करते हुए सुशीला देवी वर्डिया द्वारा किये गये दसवें मासखमण पर मंगल कामनाएं प्रदान की तथा पूज्य प्रवर आचार्य महाश्रमण द्वारा प्रेषित मंगल संदेश का वाचन किया। साध्वी मधुलता, साध्वी वीणा कुमारी, साध्वी मधुलेखा तथा साध्वी समितिप्रभा ने गीतिका के माध्यम से तप अनुमोदना की। कार्यक्रम का शुभारम्भ शशि चव्हाण, केसर तोतावत एवं कांता खिमावत की मंगल गीतिका से हुआ। वर्डिया परिवार के परिजन अशोक वर्डिया, जीतू वर्डिया, साधना माण्डोत, शंकुतला डागलिया, तेयुप अध्यक्ष अभिषेक पोखरना तथा आसाम से आई सुश्राविका प्रभा दुग्ड़ ने गीत-संगीत तथा वक्तव्य के माध्यम से मासखमण तप की अनुमोदना की गई। आभार सभा उपाध्यक्ष सुबोध दुगड़ द्वारा तथा संचालन मंत्री सूर्यप्रकाश मेहता द्वारा किया गया। तपस्वी सुशीला वर्डिया का सम्मान पुज्य प्रवर द्वारा प्राप्त मंगल संदेश को भेंट कर तपस्वी मोहनलाल बम्ब द्वारा किया गया।