पेसिफिक यूनिवर्सिटी में दो दिवसीय इंटरनेशनल साइंस कांग्रेस का समापन
उदयपुर। पेसिफिक यूनिवर्सिटी एवं इंटरनेशनल साइंस कांग्रेस एसोसिएशन के तत्वावधान में दो दिवसीय इंटरनेशनल साइंस कांग्रेस का समापन मंगलवार को हुआ। कांफ्रेस के दूसरे दिन वैज्ञानिकों एवं रिसर्च स्कॉलर ने विज्ञान से जुडी विभिन्न थीमों पर पोस्टर एवं ओरल प्रजेंटेशन दिये।
समापन समारोह में पेसिफिक यूनिवर्सिटी के सचिव राहुल अग्रवाल ने कहा कि पेसिफिक यूनिवर्सिटीं सदैव शिक्षा के जरिये समाज के विकास के लिए कार्यरत रहा है। इसी उद्देश्य के साथ पेसिफिक यूनिवर्सिटी ने इंटरनेशनल साइंस कांग्रेस के साथ ये कांफ्रेस आयोजित की, जिसमें देश-विदेश की विज्ञान की प्रतिभाओं ने आम लोगों के जीवन से जुडी सुविधाओं और उनकी खोजों पर विचार विमर्श किया गया।
यूनिवर्सिटीं के प्रेसिडेन्ट प्रोफेसर बीपी शर्मा ने कहा कि पेसिफिक यूनिवर्सिटीं विभिन्न संकायों के शोध में अग्रणी रहा है। आयोजन सचिव डीन. पीजी स्टडीज प्रो. हेमन्त कोठारी ने कहा कि दो दिवसीय कांफ्रेंस मे स्लोवाकिया, नाईजीरिया, मलेशिया, नेपाल, रुस, इराक, मिस्त्र, साउथ अफ्रीका, श्रीलंका सहित देश के विभिन्न राज्यों से आये 300 शोधार्थियों ने 20 श्रेणियों मे पोस्टर प्रजेंटेशन दिए। साथ ही 350 शोधार्थियों ने पत्रवाचन भी किए। इस दौरान विज्ञान, सामाजिक विज्ञान और मानविकी से जुडी विभिन्न थीमों पर 20 समानांतर सत्र आयोजित किये।
विशेष अतिथि स्लोवाकिया के सिक्योरिटी मैनेजमेंट यूनिवर्सिटी के चेयरमैन प्रो. मरियन मीसारोस थे। जबकि नाईजीरिया के प्रो. इजराइल ओलुसेगुन ने कहा कि तीसरी दुनिया के देशों की समस्या एक जैसी है। भारत और नाईजीरिया के निम्न वर्ग की समस्या को सुलझाने में वैज्ञानिक बडी़ भूमिका निभा सकते हैं।
अध्यक्षता करते हुए बगदाद यूनिवर्सिटीं के प्रोफेसर हाजीम जबार ने कहा कि विज्ञान की सार्थकता तभी है जब इसे सृजन के लिए इस्तेमाल किया जाए। इन्टरनेशनल सांइस कांग्रेस काफ्रेंस -2014 का लक्ष्य यही है। संयोजक स्लोवाकिया के प्रोफेसर मिरोस्लाव केलामन ने कहा कि समारोह के जरिये अन्तराष्ट्रीय स्तर की शख्सियतों और स्थानीय प्रतिभाओं को एक ही प्लेटफॉम पर आने का मौका मिला। रिसर्च पेपर ओर पोस्टर प्रजेंटेशन के जरिये उन्होंने बताया कि विज्ञान की नई खोजों को आम लोगों के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है। राजकीय महाविद्यालय अजमेर के महासचिव डॉ. संजय जैन ने धन्यवाद देते हुए कहा कि चौथे इन्टरनेशनल सांइस कॉग्रेस – 2014 के आयोजन में पेसिफिक विश्वयविद्यालय का योगदान सराहनीय रहा। साथ ही देश-विदेश से आई विभिन्न प्रतिभाओं ने विज्ञान से जुडी नवीन खोजों की जानकारिया साझा की।
एसोसिएशन के निदेशक प्रो. दीपक शर्मा ने कहा कि इन्टरनेशनल सांइस कांग्रेस सन् 2011 में सबसे पहले आयोजित की गई थी। इस बार आयोजित सांइस इन्टरनेशनल कांग्रेस मे देश-विदेश से प्रतिभागी शामिल हुए। इसमें युवा वैज्ञानिकों द्वारा दिये गये प्रजेंटेशन सराहनी रहे। अगले वर्ष पाचवां इन्टरनेशनल सांइस कांग्रेस 2015 नेपाल में होगा जिसमें इसी तरह विज्ञान को मानव समुदाय के विकास से जोडने की कोशिश जारी रहेगी।
विभिन्न थीमों पर हुए पोस्टर प्रजेंटेशन : मीडिया प्रभारी डॉ. सुभाष शर्मा एवं शैलेन्द्र प्रताप सिंह भाटी ने बताया कि दूसरे दिन 350 वैज्ञानिकों एवं रिसर्च स्कॉलर ने विभिन्न थीमों पर पोस्टर प्रजेंटेशन दिए। इसके तह्त कृषि एवं वन्य विज्ञान, जन्तु पशु एवं मत्स्य विज्ञान, जैव विज्ञान, रसायन विज्ञान, सूचना एवं प्रौद्योगिकी विज्ञान, भू-विज्ञान, अभियांत्रिकी विज्ञान, पर्यावरण विज्ञान, परिवार समुदाय और कंजूमर विज्ञान, मटेरियल साइंस, गणित एवं सांख्यिकी विज्ञान, फार्मेसी विज्ञान आदि विषयों पर दिये गये पोस्टर प्रजेंटेशन के जरिये प्रतिभागियों ने अपनी नवीन खोजों एवं विचारों से अवगत किया। इस दौरान चर्चा मे दर्शकों की जिज्ञासाओं को भी शान्त किया गया। इस दौरान ई -वेस्ट के जरिये रि-साईकिल उत्पादों के निर्माण पर हुआ प्रजेंटेशन विशेष रहा।
ये रहे विजेता : कांफ्रेस मे सभी श्रेणियों में हुए ओरल प्रजेंटेशन और पोस्टर प्रजेंटेशन के विजेताओं को समापन समारोह में पुरस्कृत किया गया। इसके तहत सभी श्रेणियों में युवा वैज्ञानिक बेस्ट ओरल प्रजेंटेशन अवार्ड और युवा वैज्ञानिक – बेस्ट पोस्टर प्रजेंटेशन अवार्ड दिये गये। साथ ही इन सभी श्रेणीयों मे अलग से बेस्ट ओरल प्रजेंटेशन अवार्ड और बेस्ट पोस्टर प्रजेंटेशन अवार्ड प्रजेंटेशन अवार्ड भी दिये गये। इन श्रेणियों में निम्न विजेता रहे :
युवा वैज्ञानिक में बेस्ट ओरल प्रजेंटेशन अवार्ड : कृषि एवं वन्य विज्ञान में कमलाक्षी देवी, जन्तु पशु एवं मत्स्य विज्ञान में शैली शर्मा, जैव विज्ञान में वल्लभ कुलकर्णी, रसायन विज्ञान में यूसी राजेश, अभियांत्रिकी विज्ञान में जूली परडीवाला, पर्यावरण विज्ञान में गणेश एलागो, फोरेंसिक एवं मेडिकल विज्ञान में एल रावल, मटेरियल साइंस में दीपक कसाई, फार्मेसी विज्ञान में शेख एफ आई, शैक्षिक विज्ञान में अभिमन्यु वशिष्ठ, सामाजिक और मानविकी विज्ञान में श्रुति चोपडा़ को सम्मा्नित किया गया।
युवा वैज्ञानिक बेस्ट पोस्टर प्रजेंटेशन अवार्ड : कृषि एवं वन्य विज्ञान में हनुमान बोबाड़, जैव विज्ञान में ललित खटेडीया, रसायन विज्ञान में कनिका सोलंकी, पर्यावरण विज्ञान में एम श्रुति, फार्मेसी विज्ञान में मोनिका माहेश्वकरी को प्रदान किया गया।
बेस्ट ओरल प्रजेंटेशन अवार्ड (सभी आयु वर्ग) : कृषि एवं वन्य विज्ञान में बीएम पाण्डे, जन्तु पशु एवं मत्स्य विज्ञान खुशहाली पण्ड्या, जैव विज्ञान में एस सेमसन, रसायन विज्ञान में गिरजा एस सिंह, कम्प्यूटर एवं सूचना प्रोद्योगिकी विज्ञान में कार्तिकेयनी, भूमि एवं भू-विज्ञान में जीडी गायकवाड़, अभियांत्रिकी विज्ञान में इन्द्रजीत एमएस, पर्यावरण विज्ञान में प्रियंका जैन, फोरेंसिक एवं मेडिकल विज्ञान में मरीकिरण केहलॉन, परिवार समुदाय और कंजूमर विज्ञान में लिडिया सी मोनिका, मटेरियल साइंस में नीना जॅार्ज, गणित एवं सांख्यकी विज्ञान में रिचा जैन, फार्मेसी विज्ञान में सोनी रिचा, शारिरीक विज्ञान में गुंजन अरोडा़, शारिरीक शिक्षा एवं खेल विज्ञान में विकास वैष्णव, शैक्षिक विज्ञान में जीसी भट्टाचार्य, व्यवसाय, कानून और प्रबंधन में मंजीत सिंह, भाषा एवं साहित्य में पीवी चौहान, सामाजिक और मानविकी विज्ञान में नागावेनी टी को प्रदान किया गया।
बेस्ट पोस्टर प्रजेंटेशन अवार्ड (सभी आयु वर्ग)
कृषि एवं वन्य विज्ञान में मंदीप कोर, जन्तु पशु एवं मत्स्य विज्ञान में स्मृति बटोये, जैव विज्ञान में ज्योत्सना सालवी, रसायन विज्ञान में हर्षिता चौधरी, कम्प्यूटर एवं सूचना प्रोद्योगिकी विज्ञान में प्रीति वर्मा, पर्यावरण विज्ञान में योगी बम्बाडेकर, फोरेंसिक एवं मेडिकल विज्ञान में किशोर अर्णव, मटेरियल साइंस में आशा कृष्णन, फार्मेसी विज्ञान में मीनाक्षी भरकटिया, शारिरीक विज्ञान में के आर पटेल, शारिरीक शिक्षा एवं खेल विज्ञान में डॉ. नीरज सिलावट को प्रदान किया गया।