प्रकृति मानव केंद्रित अखिल भारतीय महिला सम्मलेन शुरू
उदयपुर। प्राकृतिक संसाधनों पर सम्पूर्ण नियंत्रण करने की औद्योगिक नीति प्रकृति और पर्यावरण को तबाह कर देगी। पृथ्वी मात्र मानव जाति की नहीं वरन धरती पर स्थित सम्पूर्ण जीव जगत की भी है।
ये विचार विख्यात प्रकृति चिंतक सज्जन कुमार ने प्रकृति मानव केंद्रित जन आंदोलन द्वारा किसान भवन में आयोजित अखिल भारतीय महिला सम्मलेन के उदघाटन पर व्यक्त किये। मुख्य उद्बोधन में कुमार ने कहा कि संयुक्त राष्ट्र संघ द्वारा वैज्ञानिक निष्कर्षों के पश्चात क्लाइमेट चेंज व ग्लोबल वार्मिंग पर कई सम्मलेन आयोजित किये हैं किन्तु लाभ आधारित व्यावसायिक सोच के चलते किसी समाधान तक नहीं पहुंच पाए हैं। प्रकृति पर नियंत्रण की सोच अन्ततः विनाश को निमंत्रण देना है। प्रकृति के संरक्षण और विनाश से बचने में आम इंसान जिसमे महिला और पुरुष दोनों हो को वैश्विक कुटुंबकम ;विश्व नागरिकताद्ध का नजरिया लाना होगा। कोई एक देश अकेले ऋतू परिवर्तन और वैश्विक तापक्रम को नहीं रोक सकता।
प्रकृति मानव केंद्रित जन आंदोलन के अखिल भारतीय अध्यक्ष घनश्याम डेमोक्रेट ने कहा कि आंदोलन का मुख्य ध्येय महिला पुरुष में समानता का है। मानवाधिकारएयूएनओ एदेश के कानूनो के होते हुए भी महिला उत्पीड़न की घटनाएं और असामनता क्यों है। डेमोक्रेट ने कहा पृथ्वी जैव जलवायु संकट से ग्रसित है। उद्योगों ने प्रकृति को बर्बाद किया है जब तक निर्णय लेने की जिम्मेदारी और शक्ति आम लोगो की होनी चाहिए ना कि प्रभावशाली तबके की।
वरिष्ठ महिला नेत्री चंद्रा भंडारी ने कहा कि समतामूलक समाज के निर्माण की महती जरुरत है जिसमे महिला और पुरुष की बराबरी की भागीदारी हो। प्रकृति संरक्षण बिना बराबरी की सोच और भागीदारी के संभव नहीं है। एडवोकेट प्रमोदिनी बक्षी ने पितृ सत्तात्मक सोच को जेंडर इक्विटी में बड़ी बाधा बतलाते हुए कहा क़ि प्रकृति संरक्षण वर्त्तमान की बड़ी आवश्यकता है। आरम्भ में दो दिवसीय अखिल भारतीय महिला सम्मलेन पर प्रकाश डालते हुए उदयपुर संभाग के संयोजक एडवोकेट मन्नालाल डांगी ने कार्यक्रम के अध्यक्ष मंडल जिसमे नेपाल की प्रमुख सामाजिक कार्यकर्ता शारदा कृष्णा महाराष्ट्र की महिला नेत्री शोभा करांडे एपंजाब की गमदूर कोरएआस्था की जिन्नी श्रीवास्तव एसाहित्यकार विमला भंडारी कस्वगत् करते हुए पंजाब हरियाणा, बंगाल, कर्णाटक महाराष्ट्र, आंध्रा, नेपाल, बीकानेर, जोधपुर, अजमेर व उदयपुर संभाग से आई चार सौ से अधिक संभागियों का स्वागत किया। में शहर की विभिन्न संस्थाओं के प्रतिनिधि व शहर के गणमान्य नागरिकों का स्वागत किया । उदघाटन सत्र का सञ्चालन शकुंतला सरूपरिया ने किया। अपरान्ह टाऊन हाल से विभिन्न बैनरो को थामे बापू बाजारएदेहली गेट ए कोर्ट चौराया एचेतक सर्कल से मोहता पार्क में जाकर प्रकृति चेतना रैली समाप्त हुई। रैली के पश्चात ऋतू परिवर्तन एवं वैश्विक ऊर्जा की चिन्ताओ को दर्शाता नुक्कड़ नाटक प्रस्तुत किया गया।