दो दिवसीय राष्ट्रीय कार्यशाला का समापन
उदयपुर। फिजियोथैरेपी में इलेक्ट्रोथैरेपी से हर तरह की लाइलाज बीमारियों का बड़ी सरलता तथा सफलता से इलाज हो जाता है। घुटनों का दर्द, कमर दर्द, कंधे का दर्द, लकवा, स्ट्रेस, आदि का बिना साइड इफेक्ट, बिना दवा के इलाज किया जाता है। इलेक्ट्रो थैरेपी से समाज का गरीब तबका भी कम खर्च में अपना इलाज करवा सकता है।
यह फिजियोथैरेपी का महत्वपूर्ण भाग है। इस पद्धति द्वारा हर तरह की बीमारियों का इलाज किया जा सकता है। यह बात डॉ. विनय जोशी ने शनिवार को जनार्दन राय नागर राजस्थान विद्यापीठ विश्वविद्यालय के संघटक फिजियोथैरेपी महाविद्यालय द्वारा रीढ़ की हड्डी व कूल्हें का ज्वायइंट) के मैनुअल थैरेपी से उपचार पर दो दिवसीय राष्ट्रीय कार्यशाला के समापन समारोह में कही।
प्राचार्य डॉ. शैलेन्द्र मेहता ने बताया कि समारोह के मुख्य वक्ता अमरीका के डॉ. संजीव झा ने कहा कि आज के इस भागमभाग के यूग में फिजियोथैरेपी का महत्व दिनों दिन बढ़ता जा रहा है। उन्होंने बताया कि फिजियोथेरेपी के द्वारा बिना दवा के इलाज किया जाता है। इसके प्रचार प्रसार की आवश्यकता है। साथ ही ग्रामीण क्षेत्रों में इसके विस्तार की संभावनाएं काफी है। ग्रामीण अंचल में रहने वाले आदिवासी समाज को इसका लाभ मिलना चाहिए। ग्रामीण चिकित्सालयों में इसकी शाखा खोलने की जरूरत है। विशिष्ट। अतिथि रजिस्ट्रार प्रो. सीपी अग्रवाल ने कहा कि फिजियोथैरेपी की स्थापना से गांवो में नए आयाम स्थापित होंगे। विद्यापीठ के ग्रामीण क्षेत्रों में संचालित सामुदायिक केन्द्रों में फिजियोथेरेपी चिकित्सा दी जा रही है। सरकार की ओर से कुछ सहायता प्रदान की जाये। इस अवसर पर डॉ. संजीव तोमर व अधिष्ठाता अरूण पानेरी ने विचार व्यक्त किए। कार्यशाला में गुजरात, राजस्थान, दिल्ली, मध्यप्रदेश के लगभग 80 प्रतिभागियों ने भाग लिया।