मेले का आज अंतिम दिन
उदयपुर। हाथों में चूड़ी़ एवं कड़े पहनना किसे अच्छा नहीं लगता और यदि वे ही चुडिय़ा और कड़े नयी डिजाईन के हो तो महिलाएं उन्हें खरीदने से अपने आपको रोक नहीं पाती है। ऐसा ही कुछ नजारा टाऊनहॉल में रूडा(रूरल नॉन फार्म डवलपमेंट एजेंसी) द्वारा आयोजित राष्ट्रीय दस दिवसीय क्राफ्ट मेला-2015 में देखने को मिल रहा है। रविवार को मेले का अंतिम दिन है।
मेले में नित नयी डिजाईन पटवा एवं राजपूती ढालू स्टाईल के कड़े ले कर आये भंवरलाल लखारा ने बताया कि मेटल की चुड़ी पर ऊन के काम के साथ नगीनों को इस प्रकार से लगाया गया है कि वे दूर से ही आकर्षित करते है। इस स्टॉल पर गोटा पत्ती एवं चौड़े पटवा कड़े महलाओं की पसन्द बनते जा रहे है। इसके अलावा राजपूती ढालू कड़ों से महिलाओं की नजरें हट ही नहीं पा रही है। हथी दंात के समान दिखने वाले इन कड़ों पर गोल्ड वर्क किया गया है। पिछले करीब 35 वर्षो से चुडिय़ां बनाने का काम कर रहे भंवरलाल ने बताया कि चुड़ी एंव कड़े निर्माण का भविष्य काफी उज्जवल है। रंग-बिरंगे कड़े निर्माण पूरा परिवार लगा हुआ है।
इस स्टॉल पर कम से कम 60 रूपयें जोड़ी से लेकर 250 रूपयें तक में पटवा कड़े एवं 250 से 750 रूपयें में ढालू डिजाईन कड़े उपलब्ध है। रूडा के महाप्रबन्धक दिनेश सेठी ने बताया कि प्रतिवर्ष की भंाति इस वर्ष भी मेलेे को जनता का अपार सहयोग मिल रहा है। जिस कारण सभी दस्तकारों के चेहरे पर रौनक दिखाई दे रही है।