उदयपुर। महाराणा प्रताप वरिष्ठ नागरिक संस्थान द्वारा मोहनलाल सुखाडिया विश्वविद्यालय के विवेकानन्द सभागार में शनिवार को आयोजित दो दिवसीय 14 वीं आल इण्डिया सीनियर सिटीजन कान्फेडरेशन (एसकॉन) राष्ट्रीय कान्फ्रेंस के समापन समारोह में सर्वसम्मति से प्रस्ताव पारित किये गये।
महासचिव भंवर सेठ ने बताया कि वरिष्ठ नागरिकों के लिये केन्द्र में स्वतन्त्र मंत्रालय हो तथा केन्द्र एवं राज्यों में स्वतन्त्र निदेशालय स्थापित हो, सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय द्वारा नेशनल एसोसिएशन ऑफ ओल्डर पर्सन का गठन कर इसे प्रभावी बनाया जाय, वरिष्ठ नागरिक स्वास्थ्य बीमा योजना लागू की जाये। नॉन बीपीएल के लिये किश्त की दरें माफ हो, गरीबी रेखा के लिये नीचे के तबके के लिये कोई प्रीमियम नहीं हो, परिवारिक संख्या की कोई सीमा न हो एवं यदि सीमा रखना आवश्यक हो तो वह 6 से कम न हो,गरीबी रेखा के नीचे के वरिष्ठ नागरिकों की गम्भीर बीमारी के उपचार की निशुल्क व्यवस्था की जाये, स्वास्थ्य बीमा योजना के प्रारम्भ में या बंद करते समय कोई अन्य शर्त ना लगाई जाये।
उन्होंने बताया कि वरिष्ठ नागरिकों के लिये स्वास्थ्य चिकित्सा की राष्ट्रीय योजना पूरी तरह से लागू की जाये। जनोषधियों का प्रचार एवं उनकी उपलब्धता सुनिश्चित की जाये, माता पिता और वरिष्ठ नागरिक भरण पोषण एवं कल्याण अधिनियम 2007 को पूरे देश में प्रभावी तरीके से लागू किया जाये,साठ वर्ष से अधिक उम्र के व्यक्तियों को वरिष्ठ नागरिक घोषित किया जाय और उसे सभी घोषित सुविधाएं उपलब्ध की जाये, ईपीएफ पेंशन धारियों के लिये घोषित पेंशन इन्फ्लेशन इन्डेक्स से जोड़ी जाये। रेल यात्रा में पुरूष वरिष्ठ नागरिकों को किराये में 50 प्रतिशत की छूट दी जाये। आरक्षण एवं तत्काल योजना में भी छूट दी जाये तथा 80 वर्ष एवं उससे अधिक आयु के वरिष्ठ नागरिकों को अपने साथ एक सहायक ले जाने की सुविधा हो। सभी स्टेशनों पर लिफ्ट, स्व:चलित सीढिय़ां लगाई जाएं। मुम्बई जैसे शहरों में लोकन ट्रेन में वरिष्ठ नागरिकों के लिये अलग के कम्पार्टमेन्ट हो।
सेठ ने बताया कि सम्मेलन में यह भी प्रस्ताव पास हुआ कि वरिष्ठ बीमा पेन्शन योजना में सर्विस टैक्स ना लगे। सभी बेंकों में मियादी जमाओं पर वरिष्ठ नागरिकों को 2 प्रतिशत अधिक ब्याज जर दी जाये। 60 वर्ष से 80 वर्ष के वरिष्ठ नागरिकों की 5 लाख रूपया तक की आय पर आयकर ना लगे एवं 80 वर्ष एवं इससे अधिक आयु के वरिष्ठ नागरिकों पर आयकर ना लगाया जायेे। वरिष्ठ नागरिकों के लिये आय के स्त्रोत पर कटोती ना हो। राष्ट्रीय बचत योजना में वरिष्ठों के लिये वर्तमान 15 लाख की सीमा बढाकर 30 लाख रूपया की जाये। बैंकों में वित्तीय संस्थाओं की लंबित रकम जिस पर किसी का दावा नहीं है, उसका एक न्यास बनाया जाये और इस पर मिले ब्याज को वरिष्ठों के कल्याण हेतु लगाया जाये। प्रत्येक जिला में निराधार निराश्रित वृद्धों के लिये वृद्धाश्रम बनाये जाये और वे नि:शुल्क हो। राज्य परिवहन निगम की बसों में सभी राज्यों में वरिष्ठ नागरिकों को किराये में 50 प्रतिशत की छूट मिले। यह छूट अन्तर्राज्यिय बसों में भी मिले।
अध्यक्ष चौसरलाल कच्छारा ने बताया कि स्वास्थ्य की सुरक्षा सरकार का दायित्व है अत: सभी सरकारी अस्पतालों में वरिष्ठ नागरिकों की चिकित्सकीय जांच, परीक्षण, भर्ती आदि की अलग व्यवस्था की जाये। माता-पिता एवं वरिष्ठ नागरिक भरण पोषण एवं कल्याण अधिनियम 2007 में वरिष्ठ नागरिकों के भरण पोषण की जिम्मेदारी संतान पर डाली गई है। इसकी सुरक्षा एवं संरक्षा की संपूर्ण जिम्मेदारी सरकार को वहन करनी चाहिये।