उदयपुर। रंगों के त्योहार होली में एक दिन शेष हैं। त्योेहारी रंगत बिखर गई है। जगह जगह रंगों की दुकानें, काउंटर लग गए हैं वहीं वन विभाग की ओर से हर्बल गुलाल की बिक्री शुरू हो गई है। गुरुवार को होली दहन होगी वहीं शुक्रवार को रंगों का पर्व धुलेण्डी मनाया जाएगा।
गुरुवार को परंपरागत रूप से होलिका दहन किया जाएगा वहीं अगले दिन रंगों का त्योहहार धुलेंडी पर्व मनाया जाएगा। होली पर शहर के विभिनन चौराहों, नुक्क्ड़ सहित सिटी पैलेस, बड़ी होली आदि जगह शुभ मुहूर्त में होलिका दहन किया जाएगा। इससे पूर्व पूजा-अर्चना कर एक वर्ष तक के नवजातों को होलिका की परिक्रमा कराई जाएगी। नव अंकुरित गेहूं की बालियां, लीलवे आदि सेक कर प्रसाद के रूप में वितरित किए जाएंगे। गली-मोहल्लों के युवा व बच्चेै तैयारियों में जुटी हैं।
घरों में मिठाइयां, गंजिये, पापड़-पापडि़या आदि विविध व्यंयजन बनाए जाएंगे। धुलेंडी पर नवजातों की ढूंढ का आयोजन भी होगा। समाजों की ओर से सामूहिक ढूंढ के आयोजन भी होंगे व होली के गीतों का गायन होगा। घरों में महिलाएं पापड़-पापडि़यां बनाने में व्यनस्त। हैं वहीं युवाओं की पसंद पक्केा कलर ही हैं।
हर्बल गुलाल को प्रोत्सा हित करने के लिए चौकडि़या रेंज के स्वकयं सहायता समूह की ओर से बनाई गई गुलाल की वन विभाग ने बिक्री शुरू कर दी। करीब दस क्विंटल गुलाल तैयार की गई है। उपवन संरक्षक हरिणी वी. ने बताया कि चार रंगों में उपलब्धत गुलाल में केमिकल नहीं होने के कारण इसका उपयोग हानिकारक नहीं है।