गुरु मां सुप्रकाशमति माताजी ससंघ का उदयपुर में भव्य प्रवेश
उदयपुर। राष्ट्र संत गणिनी आर्यिका गुरू मां सुप्रकाशमति माताजी ने कहा कि युवा पीढ़ी भौतिकता की चकाचौंध में युवा पीढ़ी भारतीय संस्कृति को भूलती जा रही है जिसके अनेक दुष्परिणाम देखने को मिल रहे है। जिसमें संयुक्त परिवारों का विघटन एक है।
वे आज श्री सुप्रकाशमति माताजी ससंघ एवं अखिल भारतीय सुप्रकाश ज्योति मंच के सानिध्य में परिवार संस्कार यात्रा के भव्य उदयपुर प्रवेश पर हिरणमगरी से. 5 स्थित अम्बामाता पार्क में आयोजित धर्मसभा को संबोधित कर रही थी। उन्होंने कहा कि बालक का मां के गर्भ से ही संस्कारवान बनना प्रारम्भ हो जाता है। जन्म के बाद उस पर परिवार, समाज, परिवेश एंव संगत का असर पड़ता है और उसके व्यक्तित्व में उसकी झलक दिखाई देती है।
गुरू मां ने प्रधनामंत्री नरेन्द्र मोदी के स्वच्छता एवं स्वास्थ्य अभियान की सराहना करते हुए कहा कि देश तभी स्वच्छ रह पायेगा जब हम इसकी शुरूआत स्वयं के घर से करेंगे। देश में दीमक की तरह देश को खोखला करे रहे भ्रष्टाचार को समाप्त करना आवश्यक है। शिक्षा के निजीकरण किये जाने पर देश में भ्रष्टाचार की शुरूआत स्कूलों एंव कॉलेजों से हो जाती है क्योंकि यंहा पर डोनेशन लिया जाता है औश्र युवा पीढ़ी को भ्रष्टाचार के सागर में गोते लगाने के लिए छोड़ दिया जाता है, क्यों नहीं सरकार पुन: पुरातन गुरूकुल परम्परा की शुरूआत करती है जहंा पर राजा एंव रंक के बच्चें एक साथ शिक्षा ग्रहण करते थे। उन्होंने कहा कि यदि हम भगवान महावीर के आदर्शपरक संदेशों जीओ और जीने दो तथा अहिसंा परमो धर्म को अपनायेंगे, तभी भारत को पुन: विश्व गुरू बना पायेंगे।
मंच के राष्ट्रीय मुख्य संरक्षक ओमप्रकाश गोदावत ने कहा कि आज प्रात: साढ़े आठ बजे श्री चन्द्रप्रभु दिगम्बर जैन समिति द्वारा हिरणमगरी से. 5 स्थित साई बाबा मन्दिर के निकट रथयात्रा के भव्य प्रवेश जुलूस का स्वागत किया गया। जुलूस में हिरणमगरी से.3 से लेकर 9 तक के सभी धर्मो के अनुयायियों सहित मंच के सदस्यों ने भाग लिया। इस अवसर पर मंच के सदस्योंं ने रथयात्रा का तथा सुप्रकाशमति माताजी का पुष्पवृष्टि एवं पाद प्रक्षालन के साथ भव्य स्वागत किया।
मंच के पारस कोठारी ने बताया कि देश भर में 51 हजार किलोमीटर की यात्रा कर उदयपुर पंहुची यात्रा का आज उदयपुर में समारोह के गौरव अनिल चित्तौड़ा, मुख्यअतिथि शंातिलाल वेलावत,पाण्डाल के उद्घाटकर्ता कुशलचन्द्र कोडिया ने स्वागत किया। उदयपुर प्रवेशक ेसमय महिलाएं मंगलकलश लिेय चल रही थी। से. 5 समाज के अध्यक्ष मांगीलाल वगावत, कार्यकारिणी द्वारा मंचासीन अतिथियों का स्वागत किया गया।
ओमप्रकाश गोदावत ने बताया कि 29 मार्च को बलीचा में निर्माणाधीन श्री 1008 मनोकामनापूर्ण शांतिनाथ जिनालय के अष्टद्वार का स्थापना महोत्सव गुरू मां के सानिध्य में सम्पन्न होने जा रहा है। इस कार्यक्रम की आमंत्रण पत्रिका का आज अतिथियों द्वारा विमोचन किया गया। समारोह में आयड़ से आये श्रावकों ने माताजी को फल भेंट कर 18 मार्च को आयड़ स्थित श्रीचन्द्रप्रभु जैन मन्दिर में पधारने का अनुरोध किया जिसे माताजी ने सहर्ष स्वीकार कर 18 मार्च को वहां विहार करने की अनुमति प्रदान की। 17 मार्च तक इसी स्थल पर गुरू मां का जैसा संस्कार वैसा जीवन पर तीन दिवसीय प्रवचनमाला व धार्मिक अनुष्ठान होंगे।