श्री गुरू पुष्कर तीर्थ पावनधाम में अक्षय तृतीया पारणा महोत्सव
गुरु पुष्कर देवेन्द्र द्वार का उद्घाटन
उदयपुर। अक्षय तृतीया पर एक ओर जहां सभी सामूहिक और अपने अपने विवाह आयोजनों में लगे थे वहीं उदयपुर से 35 किमी. दूर गोगुंदा के समीप राष्ट्रीय राजमार्ग पर सेमटाल के समीप स्थित श्री गुरु पुष्कर तीर्थ पावनधाम में भक्तिमयी माहौल में देश भर से आए 45 तपस्वियों का सामूहिक पारणा महोत्सव हुआ। कार्यक्रम राष्ट्रसंत गणेश मुनि के सान्निध्य में हुआ।
आरंभ में सुबह शुभ मुहूर्त में गोगुंदा थानाधिकारी हनुवंतसिंह की अध्यक्षता में गुरु पुष्कर देवेन्द्र द्वार का उद्घाटन किया गया। द्वार का निर्माण सूरत प्रवासी वास निवासी ओरड़िया परिवार के सौजन्य से किया गया। मंगलाचरण व ध्वजारोहण के बाद प्रवर्तक गणेश मुनि, उप प्रवर्तक जिनेन्द्र मुनि, विदुषी चारित्रप्रभा व विदुषी महिमाश्री इत्यादि ने पारणा महोत्सव को सम्बोधित किया। ध्वजारोहण रामचन्द्र मादरेचा (ढ़ोल) ने किया।
राष्ट्रसंत गणेश मुनि ने दानदाताओं का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि गुरू पुष्कर तीर्थ पावनधाम के लिए लोगों ने तन, मन व धन से सहयोग किया हैं। इससे गुरू पुष्कर मुनि के प्रति श्रद्धा साफ दिखाई पड़ रही हैं। आप लोगों के प्रयास तारीफ के काबिल हैं। उन्होंने कहा कि बहुत ही कम समय में इस तीर्थ पावनधाम की पहचान बनी हैं।
श्री गुरु पुष्कर तीर्थ पावनधाम के अध्यक्ष ललित ओरड़िया ने बताया कि आसपास के सौ किमी. की रेंज में यह पहला जैन तीर्थ है जहां सभी के लिए आवश्यक सुविधाएं उपलब्ध हैं। कार्यक्रम में पहुंचे उदयपुर नगर निगम के महापौर चन्द्रसिंह कोठारी ने कहा कि धार्मिक कार्यक्रमों में आने का अवसर कम ही मिल पाता है लेकिन जब भी मौका मिलता है, यहां आकर खुद को धन्य समझते हैं। गुरुजनों का सान्निध्य मिल जाए, इससे बड़ी कोई बात नहीं हो सकती।
पावनधाम में मंगलवार को अक्षय तृतीया पर हुए पारणा महोत्सव में 45 तपस्वियों के पारणे हुए। महोत्सव में विविध बोलियां लगाई गई। महोत्सव में आए श्रद्धालुओं ने पावनधाम में निर्माणाधीन स्वागत भवन सहित कई स्थानों की बोलियां लगाई। जैन धर्म दिवाकर श्रमण संघ के तृतीय पट्टधर आचार्य सम्राट पूज्य देवेन्द्र मुनि की 19 पुण्यतिथि पर श्रद्धा सुमन अर्पित किए।
पावनधाम के अध्यक्ष ओरड़िया ने बताया कि सम्पूर्ण कार्यक्रम की अध्यक्षता दिल्ली के जयप्रकाश जैन ने की। संचालन मीठालाल सोलंकी ने किया। पावनधाम के मंत्री सुखलाल मादरेचा ने बताया कि गुरु पुष्कर देवेन्द्र द्वार का निर्माण छगनलाल-टमीबाई एवं मांगीलाल-नाथीबाई की स्मृति में सूरत प्रवासी वास वाले ओरडिय़ा परिवार की ओर से कराया गया।