राजस्थान विद्यापीठ कार्यकर्ता सम्मेलन
उदयपुर। 1937 में स्थापित विद्यापीठ आदिवासी तथा वंचित वर्ग के लिए शैक्षिक एवं सामाजिक विकास में लगी है। वर्तमान में कई चुनौतियां है उनका मुकाबला सामूहिक भागीदारी से ही संभव है।
ये विचार जनार्दनराय नागर राजस्थान विद्यापीठ विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. एसएस सारंगदेवोत ने बुधवार को राजस्थान विद्यापीठ एवं कुल कर्मचारी संघ की ओर से आयोजित कार्यकारिणी बैठक एवं कार्यकर्ता सम्मेलन में व्यदक्तु किए। उन्होंने कहा कि कार्यकर्ताओं की कुशलता से ही विद्यापीठ प्रगति तथा उन्नति के मार्ग पर है। कुल प्रमुख भंवरलाल गुर्जर ने कार्यकर्ताओं का आव्हान करते हुए कहा कि वे सत्य तथा विवेक का साथ दें। विद्यापीठ के समक्ष चुनौतियां एवं अवरोध भी आये। संघर्ष से साक्षात्कार भी हुए लेकिन विद्यापीठ की विकास यात्रा निरंतरित रही। रजिस्ट्रार प्रो. सीपी अग्रवाल ने कहा कि विद्यापीठ के कार्यकर्ताओं की कर्मठता के कारण विद्यापीठ विकास की गति की ओर अग्रसर है। संस्था कार्यकर्ताओं की है और कार्यकर्ताओें की ही रहेगी। कार्यकर्ता विद्यापीठ के रीढ की हड्डी है। संघ अध्यक्ष डॉ. धमेन्द्र राजौरा ने स्वागत उद्बोधन दिया। इस अवसर पर संघ के संरक्षक हीरालाल चौबीसा ने भी विचार व्यक्त किए। इस अवसर पर सहायक रजिस्ट्रार डॉ. हेमशंकर दाधीच, डिप्टी रजिस्ट्रार डॉ. प्रकाश शर्मा, डॉ. संजय बंसल, महामंत्री कुंजबाला, कोषाध्यक्ष बाल कृष्ण शुक्ला, संगठन मंत्री महेन्द्र मेघवाल, डॉ. कौशल नागदा, भवानीपाल सिंह, भवानी वसीटा, चितरंजन नागदा सहित अनेक कार्यकर्ता उपस्थित थे।