बाल सन्त प्रियांशु महाराज की श्रीराम कथा का दूसरा दिन
सोमवार को श्रीराम जन्म कथा प्रसंग
udaipur. श्री महाकलेश्वर मन्दिर प्रांगण में स्थित दक्षिण मुखी हनुमानजी मन्दिर के सामने श्री राम भक्त मण्डल उपासक मण्डल की ओर से आयोजित नौ दिवसीय श्रीराम कथा के आयोजन के दूसरे दिन नौ वर्षीय बाल सन्त कथावाचक प्रियांशु महाराज ने सती चरित्र का सरस एवं मार्मिक वर्णन करते हुए बताया कि दक्ष की बेटी सती यज्ञ कुण्ड में प्राणों का त्याग कर देती है। उन्होंने कहा कि दक्ष वो जिसने हर क्षेत्र में निपूणता प्राप्त की हो, अगर समाज का दक्ष व्यक्ति ही गलती करता है तो उसके कारण पूरे समाज में अराजकता, अशांति, अनाचार, अत्याचार, घमंड, पाखण्ड बढऩे की सम्भावना बढ़ जाती है, तब शिव यानि कल्याण उसको सजा देते हैं। दक्ष बुद्धिमान था इस कारण ब्रह्माजी ने उसे देवताओं का अधिपति बना दिया है।
उन्होंने कहा कि इस संसार का नियम है कि जब भी किसी को बड़ा पद मिले और उसे मद न हो ऐसा हो ही नहीं सकता। पद और मद दोनों सगे भाई है। एक आएगा तो दूसरा भी आएगा। पद में एक गोला नीचे लगा दो, बस मद बन जाता है। पद और मद बात में बाल सन्त ने पार्वति तपस्या तथा शिव- पार्वती विवाह का प्रसंग सुनाया जिसको सुनकर श्रोता झूम उठे।
नौ वर्षीय बाल सन्त के संरक्षक काशीदास जी महाराज ने बताया कि सोमवार को राम जन्म का प्रसंग होगा। तथा बाल सन्त के गुरूजी महामण्डलेश्वर श्री गंागदास जी बापू राम कुण्ड आश्रम अंकलेश्वर से पधारेंगे तथा अपना आशीर्वचन देंगे।
आज के कथा सत्संग के खास मेहमानों के रूप में रोकडिय़ा हनुमानजी के महंत बजरंगी बापू, मीठारामजी मन्दिर के महनत रामचन्द्रदास जी, चतुर्भुज हनुमान मन्दिर महनत मोहनशरण दासजी प्रमुख थे। इन सभी का स्वागत सत्कार श्र रामभक्त मण्डल के प्रवीण शर्मा तथा पदाधिकारियों ने किया। व्यासपीठ के मुख्य अतिथि हरिसिंह सुराणा व सन्तोष कुमार गुप्ता थे।
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